Maharashtra Election Results 2019: भाईयों की जीत से इमोशनल हुए रितेश देशमुख ने लिखा, 'पापा हम ने कर दिखाया'
मुंबई। बॉलीवुड एक्टर रितेश देशमुख ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद एक इमोशनल ट्वीट किया है। अपने भाईयों की जीत से खुश रितेश ने ट्विटर पर लिखा, 'पापा हम ने कर दिखाया।' रितेश, महाराष्ट्र के मुख्यमंऋी विलासराव देशमुख सबसे छोटे बेटे हैं। उनके दो भाई अमित और धीरज देशमुख, लातूर (सिटी) और लातूर (ग्रामीण) सीट से चुनाव लड़ रहे थे। दोनों ने इन सीटों पर जीत हासिल की है। देशमुख ब्रदर्स, कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे और दोनों ने विशाल जीत हासिल की है।
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तीन बार विधायक अमित
अमित जो तीन बार से विधायक हैं, उन्होंने बीजेपी के शैलेश लाहोटी को 38,217 वोटों से हराया। वहीं धीरत देशमुख ने कुल 1.3 लाख वोट हासिल कर विशाल जीत दर्ज की है। इमोशनल रितेश ने ट्वीट किया और लिखा, 'पापा हम ने कर दिखाया। अमित देशमुख ने लातूर की सीट 42,000 से ज्याादा वोटों से जीती और तीसरी बार विजय हासिल की। वहीं, धीरज ने लातूर ग्रामीर की सीट 1,20,000 वोटों से जीती है।' रितेश ने इसके साथ ही उनके भाईयों पर भरोसा जताने के लिए जनता का शुक्रिया भी अदा किया है। रितेश ने चुनावी अभियान की कुछ फोटोग्राफ्स भी ट्वीट की हैं।
पिता विलासराव दो बार रहे सीएम
विलासराव देशमुख दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। साल 1999 से साल 2008 तक उन्होंने महाराष्ट्र की सत्ता संभालीं। अपने कार्यकाल में उन्होंने लातूर को कांग्रेस के उस किले में तब्दील कर दिया था जिसे भेद पाना किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं रहा है। साल 2012 में उनकी मृत्यु के बाद यहां पर पार्टी की पकड़ कुछ कमजोर होती जा रही थी। दोनों भाईयों का चुनाव प्रचार सेंट्रल महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बन गया था जहां पर पूरे परिवार ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रितेश और उनकी पत्नी जिनेलिया भी इसमें शामिल हुए और दोनों ने अमित और धीरज की जीत तय करने के लिए सबकुछ झोंक दिया था।
कौन हैं अमित और धीरज
अमित देशमुख राज्य सरकार में पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं। वह 21 साल की उम्र से ही राजनीति में सक्रिय हैं। साल 2002 से 2008 तक युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे अमित को कांग्रेस ने 2009 के चुनाव में पहली बार उम्मीदवार बनाया था। उस समय वह 89480 वोट से जीते थे। अमित से अलग छोटे भाई धीरज देशमुख का यह पहला चुनाव था। हालांकि इससे पहले वह जिला परिषद् का चुनाव लड़ चुके थे। वह जिला परिषद् का चुनाव जीतकर 2017 में सदस्य निर्वाचित हुए थे।