क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दरकिनार हैं नितिन गडकरी ? उन्होंने खुद दी सफाई
नई दिल्ली- कभी महाराष्ट्र की राजनीति में नितिन गडकरी भारतीय जनता पार्टी के सबसे कद्दावर और भरोसेमंद चेहरा होते थे। पहले पार्टी अध्यक्ष और फिर केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से वह राष्ट्रीय राजनीति और मोदी सरकार के एक विश्वसनीय पहचान बनकर उभरे। लेकिन, इसी दौर में पिछले पांच वर्षों में प्रदेश की राजनीति में बहुत बड़ा बदलाव हुआ। बीजेपी नेता और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस न सिर्फ बीजेपी, बल्कि राज्य के भी बहुत बड़े नेता के रूप में सामने आए हैं। मौजूदा विधानसभा चुनाव भी पार्टी उन्हीं के चेहरे पर लड़ रही है। शायद इसी वजह से ऐसी अटकलों को हवा मिली कि भाजपा महाराष्ट्र में अपने सबसे वरिष्ठ नेता गडकरी को इस चुनाव में दरकिनार तो नहीं कर रही है? लेकिन, चुनाव के मौके पर ये खबर ज्यादा तूल पकड़ती उससे पहले ही सुलझे हुए और लक्ष्य के प्रति समर्पित माने जाने वाले नेता गडकरी ने अपना दृष्टिकोण सामने रखकर पूरी स्थिति साफ करने की कोशिश की। उन्होंने साफ किया कि ऐसी सारी रिपोर्ट्स काल्पनिक हैं।
हम सब मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं- गडकरी
वरिष्ठ बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन खबरों को पूरी तरह से आधारहीन बताया है, जिनमें मौजूदा महाराष्ट्र विधान में उन्हें पार्टी की ओर से दरकिनार किए जाने की बात थी। उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि यह पूरी तरह से काल्पनिक है और ऐसा लगता है कि इसे एक एजेंडे के तहत गुमराह और उलझाने के लिए गढ़ा गया है। गडकरी के मुताबिक, 'कथित तौर पर एक न्यूज बनाने के लिए पत्रकारिता की मूल भावना को नजरअंदाज किए जाने की मैं कठोरता से निंदा करता हूं। मैं पूरी तरह से स्पष्ट करना चाहता हूं कि बीजेपी एक अनुशासित और कैडर-आधारित पार्टी है। हम सब मिलकर आने वाले महाराष्ट्र चुनाव में जीतने के लिए कार्य कर रहे हैं।'
तथ्यों की पड़ताल क्यों नहीं की गई- गडकरी
पिछले 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जब नागपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर नामांकन भरने के लिए पहुंचे थे तो हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रोड शो के साथ-साथ पर्चा भरने तक गडकरी भी उनके साथ मौजूद थे। यही वजह है कि जब इस चुनाव में उन्हें पार्टी में किनारे किए जाने की खबरें आईं तो वे काफी भड़क गए। उन्होंने अपने बयान में लिखा है, 'मैं निजी तौर पर हमारी जीत सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत प्रदेश नेतृत्व के साथ लगातार मिलकर काम कर रहा हूं।' उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई है कि उन्हें पार्टी में नजरअंदाज किए जाने की खबरें छापने से पहले तथ्यों की पड़ताल क्यों नहीं की गई।
'नापाक एजेंडे में न फंसे मीडिया'
बीजेपी नेता ने मीडिया से भी गुजारिश की है कि वह गलत इरादे और नापाक एजेंडे की गिरफ्त में न फंसे। उन्होंने 'दि टेलीग्राफ' से जोर देकर कहा है कि वह इस बात की पड़ताल करे कि रिपोर्ट छापने से पहले पत्रकारिता के कुछ आधारभूत नीतियों का पालन क्यों नहीं किया गया। हालांकि, गडकरी ने ये भी दावा किया है कि इस तरह की अटकलबाजियों से उनकी या उनकी पार्टी की सियासी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता काफी स्मार्ट हैं और उन्हें सच्चाई पता है। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि ऐसी खबरों से मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल जरूर उठेंगे। इससे पहले दि टेलीग्राफ ने ऐसी खबर छापी थी कि भले ही फडणवीस नामांकन से पहले गडकरी का आशीर्वाद लेने उनके घर पहुंचे हों, लेकिन इस चुनाव में आमतौर उन्हें महाराष्ट्र के मामलों से दूर ही कर दिया गया है। अखबार की इसी रिपोर्ट पर गडकरी ने अपना लिखित बयान जारी कर रिपोर्ट का खंडन किया है।