Maharashtra Elections 2019: महाराष्ट्र के सियासी रण में किसका पलड़ा है भारी, इन आंकड़ों से समझिए
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने दो राज्यों हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। दोनों राज्यों में एक ही दिन यानी 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। 24 अक्टूबर को मतगणना होगी। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इन राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों में 27 सितंबर को अधिसूचना जारी हो जाएगी। 4 अक्टूबर तक नामांकन किया जा सकता है और 7 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। बात करें महाराष्ट्र चुनाव की तो यहां विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं, जिन पर मुख्य मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच ही है। बीजेपी के साथ शिवसेना भी गठबंधन में उतर सकती है, हालांकि अभी आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, दूसरी ओर कांग्रेस और एनसीपी के बीच गठबंधन का ऐलान हो चुका है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में कौन सी पार्टी बाजी मारती है। इस बीच चुनाव पहले आइये जानते हैं महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कौन सी पार्टी का कितना वोटिंग पर्सेंट रहा और इस बार किसका पलड़ा भारी रह सकता है।
महाराष्ट्र में 21 को वोटिंग, 24 को मतगणना
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखें सामने आने के बाद मौजूदा हालात को देखें तो इस बार भी बीजेपी प्रदेश में काफी मजबूत नजर आ रही है। ऐसा क्यों है इसे समझने के लिए पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर एक नजर डालनी होगी। पिछले चुनाव में 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा 122 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। वहीं दूसरी ओर करीब 25 सालों के बाद बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना के खाते में 63 सीटें आई थीं। बाद में बीजेपी और शिवसेना के बीच सुलह हुई और दोनों पार्टियों ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार गठन किया। वहीं पिछले चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी भी अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाकी 13 सीटें छोटे दलों के खाते में गई थी, वहीं 7 निर्दलीय विधायक भी चुने गए थे।
पिछले चुनाव में क्या रहा था सियासी दलों का हाल
पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टियों के वोट शेयर पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर सबसे ज्यादा रहा था। शिवसेना से गठबंधन पर बात नहीं बनने के बाद बीजेपी अकेले उस चुनाव में उतरी और 28 फीसदी वोट शेयर के साथ 122 सीटें अपने नाम की। शिवसेना का वोट शेयर 20 फीसदी रहा था और उन्हें 63 सीटों पर जीत मिली। 42 सीटों के साथ कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही, उनका वोट शेयर 18 फीसदी रहा। इसके बाद एनसीपी थी जिनका वोट शेयर 17 फीसदी और सीटें 41 आई थीं। अन्य का भी वोट शेयर 17 फीसदी रहा, 20 सीटें अपने नाम की।
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वोट शेयर से मिल रहे क्या इशारे
इस तरह से पिछले चुनाव के वोट पर्सेंट में नजर आ रहा कि अकेले-अकेले दावेदारी में बीजेपी मजबूत रही थी। इस बार अगर शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन होता है तो उनकी स्थिति और मजबूत हो जाएगी। हालांकि गठबंधन नहीं होने की सूरत में हो सकता है कि कांग्रेस-एनसीपी का गठबंधन कुछ उलटफेर करने में सफल हो जाए। हालांकि इसकी संभावनाएं बेहद कम ही नजर आ रही है कि क्योंकि बीजेपी-शिवसेना में बातचीत से लग रहा कि गठबंधन हो जाएगा। ऐसा होता है तो बीजेपी-शिवसेना का वोट शेयर करीब 48 फीसदी पहुंच जाता है, वहीं कांग्रेस-एनसीपी का गठबंधन महज 35 फीसदी पर ही पहुंचता नजर आ रहा। इस तरह से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की महाराष्ट्र में एक बार फिर से वापसी की पूरी संभावना बन रही है।
क्या कांग्रेस-NCP गठबंधन कर सकती है कमाल
पिछले चुनाव के वोट शेयर ही नहीं हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ें भी कहीं न कहीं बीजेपी की दावेदारी को मजबूती दे रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनावी आंकड़ें देखें तो बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा। प्रदेश की 48 लोकसभा सीटों में दोनों पार्टियों ने 41 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की। इसमें बीजेपी ने 23 सीटें, वहीं सहयोगी शिवसेना ने 18 सीटें जीतीं। दूसरी ओर कांग्रेस और एनसीपी ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें महज 5 सीटें ही आईं। इसमें एनसीपी को 4 लोकसभा सीटों पर जीत मिली, वहीं कांग्रेस को एक सीट पर कामयाबी मिली। दो सीट अन्य के खाते में गई थी।