महाराष्ट्र ओपिनियन पोल: शिवसेना के साथ गठबंधन ना होने पर भी BJP को मिलेगा बहुमत
मुंबई: महाराष्ट्र और हरियाणा के लिए विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान आज चुनाव आयोग ने किया। वहीं आज विधानसभा चुनावों से पहले एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के ओपिनियन पोल में बड़ी बात सामने आई है। अगर चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन नहीं हुआ तो शिवसेना को चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं बीजेपी के लिए राहत की बात ये है कि उसे नुकसान नहीं होगा।
शिवसेना को होगा बड़ा नुकसान
एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक अगर गठबंधन नहीं हुआ तो भी बीजेपी 144 सीटें अकेले जीतने में कामयाब होगी। वहीं शिवसेना को सिर्फ 39 सीटें मिलेंगी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें है और सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 145 सीटें चाहिए। साल 2014 के मुकाबले शिनसेना 63 से 39 पर सिमट जाएगी ,वहीं सबसे बड़ा फायदा बीजेपी को होगा जो 122 से 144 पर पहुंच जाएगी।
कांग्रेस-एनसीपी को नुकसान
वहीं अगर कांग्रेस और एनसीपी महाराष्ट्र में अलग अलग चुनाव लड़ती हैं तो कांग्रेस को 21 और एनसीपी को 20 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं गठबंधन होने पर कांग्रेस-एनसीपी को मात्र 55 सीटें मिलेंगी। दोनों ही सूरते हाल में बीजेपी को पू्र्ण बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है। साल 2014 में कांग्रेस-एनसीपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। कांग्रेस को 42 और एनसीपी को,41 से 21 सीट मिली थी।
महाराष्ट्र में किसकी सरकार?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन होने पर दोनों पार्टियों को मिलाकर 205 सीटें मिल सकती हैं। वहीं बीजेपी को 46 फीसदी, कांग्रेस को 30 फीसदी और अन्य पार्टियों को 24 फीसदी वोट मिल सकता है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र देश का दूसरा बड़ा राज्य है। यूपी के बाद यहां सबसे ज्यादा 288 विधानसभा सीटें हैं।
देंवेंद्र फडनवीस सीएम पद की पंसद
ओपनियन पोल में महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की पहली पंसद बताया गया है। इसमें देवेंद्र फडणवीस को 39 फीसदी, उद्धव ठाकरे को 6 फीसदी,अशोक चव्हाण को 5 फीसदी और शरद पवार को 5 फीसदी लोग सीएम चाहते हैं। वहीं अगर मुद्दों की बात करें तो महाराष्ट्र में सबसे बड़ा मुद्दा पानी है। 26 फीसदी लोग पानी को बड़ा मुद्दा मानते हैं , जबकि रोजगार को 22 फीसदी , किसान की समस्या को 12 फीसदी और सड़क को 11 फीसदी सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं।