महाराष्ट्र : दो बार डिप्टी सीएम रह चुके अजीत पवार क्या फिर संभालेगे ये पद
महाराष्ट्र की महाअघाडी सरकार के मंत्रीमंडल का विस्तार 30 दिसंबर को हो सकता हैं।इस अवसर क्या एनसीपी नेता अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवायी जाएगी, जानिए सच्चाई। Maharashtra: Ajit Pawar, Who Has Been Deputy CM Twice, Will Hold The Post Again
बेंगलुरु। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में गठित सरकार का फिलहाल अनिश्चितताओं का दौर तो थम चुका हैं। परन्तु शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस पार्टियों के गठबंधन की सरकार के बीच मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर कोई बात नहीं हो सकी है जिसके कारण मंत्रिमंडल विस्तार अब तक नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है, इस मंत्रीमंडल विस्तार के लिए 36 मंत्री शपथ लेंगे। अब सवाल ये उठता है इस मंत्रीमंडल विस्तार के समय एनसीपी नेता अजीत पवार का तीसरी बार उपमुख्यमंत्री पद संभालने का क्या सपना पूरा होगा ?
बता दें सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच सह्याद्री अतिथि गृह में मंत्रिमंडल विस्तार पर एक बैठक हुई। ताज्जुब करने वाली बात ये है कि कैबिनेट विस्तार को लेकर आयोजित इस अहम बैठक में कांग्रेस का एक भी नेता मौजूद नहीं था। लगभग एक घंटे चली इस बैठक में तीनों पार्टियों के बीच मंत्रीमंडल के बंटवारे पर बात हुई। साथ ही बैठक में एनसीपी नेता अजित पवार को राज्य का उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने पर भी चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार इस मंत्रीमंडल विस्तार के समय एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कैबिनेट विस्तार में अजित डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ले सकते हैं। हालांकि अजीत को डिप्टी सीएम बनाए जाने को लेकर एनसीपी कांग्रेस से बात भी करेगी।
कांग्रेस के कारण मंत्रीमंडल विस्तार में हो रही देरी
बता दें शरद पवार ने कहा है कि हम भी साथियों को कैबिनेट में शामिल करने के लिए बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इस बैठक के बारे में शिवसेना नेता और गृहमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री ही कोई जानकारी देंगे। क्या एनसीपी के कोटे से कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों का नाम तैयार हैं इस सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि हमारी पार्टी इसमें ज्यादा समय नहीं लेगी, क्योंकि हमें किसी की अनुमति लेने के लिए कहीं और नहीं जाना है। माना जा रहा है कि पवार का यह तंज उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के लिए है। ऐसी खबरें हैं कि कांग्रेस के चलते ही मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हो रही है।
अजित पवार दो बार पहले भी रह चुके हुए डिप्टी सीएम
गौरतलब है कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार 2014 से पूर्व कांग्रेस-एनसीपी सरकार में भी उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं दोबारा अजित उपमुख्यमंत्री तब बने जब उन्होंने महाराष्ट्र में सबको चौंका दिया था। उन्होंने बीजेपी और शिवसेना के बीच सत्ता की खींचतान के बीच अचानक देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में दोबारा बनी सरकार में 23 नवंबर को डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली थी। यह शपथ-ग्रहण ऐसे समय में हुआ था, जबकि एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात लगभग साफ हो चुकी थी।
अजित पवार तब एनसीपी विधायक दल के नेता थे। हालांकि पवार ने बार-बार स्पष्ट किया उनकी पार्टी के विधायक उनके साथ हैं और वे बीजेपी सरकार को समर्थन नहीं देंगे। इस विधानसभा चुनाव के बाद अजित 23 नवंबर को अचानक भाजपा के साथ चले गए और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में डिप्टी सीएम बने। हालांकि 80 घंटे के अंदर ही अजीत ने इस्तीफा दिया और फडणवीस सरकार गिर गई। ठाकरे के नेतृत्व में 28 नवंबर को शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के छह मंत्रियों ने भी शपथ ली थी।
सिंचाई घोटाले में मिल चुकी है क्लीन चिट
मालूम हो कि अजित पवार पर सिंचाई घोटाले का केस चल रहा था, भाजपा से हाथ मिलाते ही उन्हें इस केस से राहत मिल गयी थीं वहीं राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बीते शुक्रवार को हाई कोर्ट के समक्ष दोहराया था कि उसे कथित सिंचाई घोटाले में अजित पवार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। जिसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चा थी कि अजित पवार को उद्धव सरकार में एनसीपी कोटे से डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में एफिडेविट देकर कहा था कि एसआईटी ने इस घोटाले में उनका कोई आपराधिक रोल नहीं पाया है।
30 को बनेंगे तीसरी बार डिप्टी सीएम
एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार महाराष्ट्र में 1999-2009 के कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में जल संसाधन विकास मंत्री थे। पवार इस बार पुणे जिले की बारामती विधानसभा सीट से रिकॉर्ड वोटों से जीते हैं। पिछले 23 नवंबर को वे तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने अचानक देवेंद्र फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
लेकिन, जब वे वादे के मुताबिक फडणवीस सरकार के लिए एनसीपी विधायकों का समर्थन नहीं जुटा पाए तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विधानसभा में फडणवीस के बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद फडणवीस ने भी हथियार डाल दिए थे और उद्धव ठाकरे का महा अघाड़ी के नेता के रूप में मुख्यमंत्री बनने की रास्ता साफ हो गया। वहीं सोमवार को मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर हुई बैठक के बाद माना जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद अजित पवार फिर से बतौर डिप्टी सीएम उद्धव सरकार में एंट्री लेगे।
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