ACB के डीजी बोले- सिंचाई घोटाला मामले से जुड़े जो केस बंद हुए, वो अजित पवार से संबंधित नहीं
Anti corruption bureau gives the clean chit to AjitPawar alleged involve 70000 Cr irrigation scam
नई दिल्ली। महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजी परमबीर सिंह ने कहा है कि सिंचाई घोटाला मामले से जुड़े जो केस बंद हुए हैं, उनमें कोई भी अजित पवार से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मामलो की फाइल बंद जरूर हुई है लेकिन ये अजित पवार से जुड़े नहीं हैं। परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले से जुड़े मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से क्लीन चिट देने की खबरों पर ये सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इसमें सच्चाई नहीं है।
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एनसीपी-कांग्रेस सरकार के दौरान घोटाले का लगा आरोप
दूसरी बार महाराष्ट्र के सीएम बने अजित पवार पर भ्रष्टाचार से जुड़े कई केस चल रहे हैं। इन्हीं में से एक सिंचाई घोटाले का मामला है। ये घोटाला 70 हजार करोड़ को बताया जाता है, जो कथित तौर पर राजनेताओें और नौकरशाहों की मिलीभगत से 1999 से 2009 के बीच हुआ। महाराष्ट्र में 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग का अजित पवार के पास था, ऐस में उनका नाम इस घोटाले में है।
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सोशल मीडिया पर क्लीन चिट मिलने की खबर हुई वायरल
सिंचाई घोटाले को लेकर भाजपा लगातार अजित पवार पर हमलावर रही थी। चुनाव प्रचार में फडणवीस ने तो अजित को जेल भेजने की भी बात कही थी। बॉम्बे हाईकोर्ट में भी ये मामले चल रहा है। ऐसे में एक चिट्ठी, जिसमें पवार को क्लीन चिट मिलने की बात कही गई है, सोशल मीडिया आई तो ये वायरल हो गई।
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शनिवार को बने हैं डिप्टी सीएम
महाराष्ट्र की सियासत में शनिवार सुबह नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली। अजित पवार ने एनसीपी के विधायकों का समर्थन होने की बात कही लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार ने इसको पूरी तरह खारिज कर उनको पार्टी से निकालने तक की बात कह दी है। अजित, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे हैं लेकिन वो चाचा के खिलाफ चले गए हैं।
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