महाराष्ट्र: शिवसेना को लगा झटका, पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुए 400 शिवसैनिक
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने मिलकर राज्य में सरकार बनाई है और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने हैं। लेकिन शिवसेना का कांग्रेस से हाथ मिलाना कुछ शिवसैनिकों को पंसद नहीं आया। मुंबई के धारावी में पार्टी को झटका देते हुए 400 शिवसैनिकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले एक कार्यकर्ता ने कहा कि शिवसेना ने हिंदू विरोधी दलों के साथ गठबंधन कर लिया है।
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पार्टी ने हिंदू विरोधी दलों से मिलाया हाथ-कार्यकर्ता
रमेश नदेशन ने कहा कि शिवसेना ने भ्रष्ट और हिंदू विरोधी पार्टियों के साथ गठबंधन कर लिया है। इसलिए हम लोगों ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने के ऐलान के बाद जिस दिन उद्धव ठाकरे को महा विकास अघाड़ी का नेता चुना गया था, तब भी उनके करीबी माने जाने वाले रमेश सोलंकी ने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था।
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400 शिवसैनिक बीजेपी में शामिल
रमेश सोलंकी शिवसेना की इकाई युवासेना की आईटी सेल कोर कमेटी मेंबर होने के साथ-साथ गुजरात राज्य संपर्क प्रमुख भी थे। इस्तीफा देने के बाद सोलंकी ने ट्विटर पर लिखा था, बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व, करिश्माई व्यक्तित्व और निडर नेतृत्व से प्रभावित होकर 1998 में वे शिवसैनिक बने। कई चुनाव चुनावों में उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन बीएमसी से लेकर विधानसभा-लोकसभा चुनाव तक केवल 'हिंदू राष्ट्र' और 'कांग्रेस मुक्त भारत' के सपने के लिए काम करते रहे। सोलंकी ने लिखा था, 'पिछले कुछ दिनों से लोग मेरा स्टैंड पूछ रहे थे। तो आज मैं साफ कर देता हूं, जो मेरे श्रीराम का नहीं है (कांग्रेस), वो मेरे किसी काम का नहीं है।'
रमेश सोलंकी ने भी दिया था इस्तीफा
रमेश सोलंकी ने कहा था कि 21 साल तक बिना पद, प्रतिष्ठा या टिकट की मांग के वे रात-दिन पार्टी के आदेश का पालन करते रहे, लेकिन जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया, तो उनकी आत्मा कांग्रेस के साथ काम करने की इजाजत नहीं दे रही है। बता दें कि 30 सालों तक साथ रहने के बाद शिवसेना ने बीजेपी से अलग होकर एनसीपी-कांग्रेस से हाथ मिलाया है। महाराष्ट्र में पहली बार ठाकरे परिवार का कोई सदस्य मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुआ है।