महंत नरेंद्र गिरि: आखिर कमरे में किसने पहुंचाई रस्सी और सल्फास की डिब्बी? शिष्यों ने बताया
प्रयागराज, 21 सितम्बर। संतों की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और प्रयागराज स्थित बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद कई सवाल खड़े हुए हैं। इनमें सवाल मठ के उन शिष्यों और सेवादारों पर भी हैं जो दिन-रात महंत नरेंद्र गिरि की सेवा में लगे रहते थे। 24 घंटे जिस मठ में शिष्यों, सेवादारों और अनुयायियों का जमावड़ा लगा रहता है वहां पर आखिर कैसे महंत ने आत्महत्या कर ली और इसका किसी को अंदाजा भी न लगा।
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कमरे में मिली सल्फास की डिब्बी
अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि का शरीर कमरे में रस्सी के सहारे पंखे से लटका मिला था वहीं कमरे में सल्फास की डिब्बी भी मिली थी। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर महंत नरेंद्र गिरि के कमरे में रस्सी कैसे पहुंची और सल्फास की गोली उनके कमरे में क्या कर रही थी।
मठ के सेवादारों का कहना है कि महंत ने कहा था कि उन्हें कपड़े टांगने में समस्या हो रही है इसके लिए उन्हें नायलॉन की रस्सी लाकर दी गई थी। ये वही रस्सी थी जिससे महंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर फांसी लगा ली थी।
वहीं सल्फास की डिब्बी के बारे में एक शिष्य ने बताया कि उन्होंने मौत से दो दिन पहले ही गेहूं में रखने के लिए डिब्बी मंगाई थी। हालांकि डिब्बी को खोला नहीं गया था। वैसे सवाल ये भी उठता है कि जब महंत नरेंद्र गिरि के पास इतने सारे शिष्य और सेवादार थे तो आखिर अनाज में रखने वाली सल्फास की डिब्बी उन्होंने अपने कमरे में ही क्यों रखी। अनाज में सल्फास की डिब्बी रखने का काम क्या महंत जी खुद ही करते थे?
शिष्यों ने फंदे से उतारा
महंत के शव को पुलिस के आने से पहले ही फंदे से उतारा जा चुका था। मीडिया को दिए बयान में उनके शिष्य ने बताया कि महंत जी हर रोज शाम को 5 बजे कमरे से निकला करते थे। यह उनके चाय पीने का समय होता था। मंगलवार को जब सवा पांच बज गए और महंत नरेंद्र गिरि कमरे से बाहर नहीं निकलें तो शिष्य दरवाजा खटखटाया। जब दरवाजा नहीं खुला तो शिष्यों ने महंत जी के नंबर पर फोन किया लेकिन फोन पर भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद शिष्यों ने दरवाजा धकेल कर खोला और कमरे के अंदर गए। वहां देखा तो महंत जी का शरीर पंखे से लटक रहा था। इसके बात शिष्यों ने रस्की काटकर शव को उतारा और पुलिस को सूचना दी।
मठ में 12 सीसीटीवी कैमरे
प्रयागराज के अल्लापुर में स्थित बाघम्बरी गद्दी का नाम बड़े मठ में है। इस मठ में 12 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इन सीसीटीवी कैमरों में काफी काम की जानकारी मिल सकती है। पुलिस ने फुटेज को कब्जे में ले लिया है और इसकी जांच की जा रही है। सूत्रों की मानें तो पुलिस की इस बात की तलाश कर रही है कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत से पहले उनके कमरे में क्या कोई गया था?
शिष्यों ने यह भी बताया है कि दो दिन पहले ही महंत नरेंद्र गिरि की संगम स्थित लेटे हनुमान जी मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप से भी किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। फिलहाल पुलिस ने आद्या तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है।
चार किरदारों पर शक की सुई
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में शक की सुई चार लोगों पर घूम रही है। इनमें लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवार, महंत के पूर्व गनर अजय सिंह और आनंद गिरि हैं। पूर्व गनर अजय सिंह के पास करोड़ों की संपत्ति होने की बात कही गई है। पहली बार अजय सिंह का नाम तब चर्चा में आया था जब जबरिया रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर की पत्नी नूतन ठाकुर ने डीजीपी को लिखी चिठ्ठी में अजय सिंह का नाम लिया था और उसकी संपत्तियों को लेकर शिकायत की थी।
आनंद गिरि था महंत का प्रिय शिष्य
आनंद गिरि कभी महंत के प्रिय शिष्य हुआ करते थे लेकिन महंत ने आनंद गिरि पर संत परम्परा के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मठ से बाहर कर दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए थे। आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि पर मठ की जमीन बेचने का आरोप लगाया था। बाद में कुछ लोगों की मध्यस्थता से नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि में समझौता हो पाया था लेकिन महंत ने आनंद गिरि को वापस मठ में नहीं लिया था। फिलहाल आनंद गिरि को पुलिस ने उत्तराखंड में गिरफ्तार किया है और उसे देहरादून से लाया जा रहा है।
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