क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

CM की कुर्सी के लिए NCP, कांग्रेस व शिवसेना के बीच चल रहा है म्युजिकल चेयर गेम!

Google Oneindia News

बेंगलुरू। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे जितने सीधे थे, वहां सरकार गठन की प्रक्रिया उतनी ही उबड़-खाबड़ हो गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जनता के जनादेश का अपमान करके शिवसेना ने सहयोगी बीजेपी और एनडीए गठबंधन का साथ छोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ अभी मैजिकल चेयर गेम खेल रही है, लेकिन म्युजिकल चेयर का गेम की सुस्त रफ्तार शिवसेना के फेफड़े फुला दिए हैं। महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए एनसीपी, कांग्रेस शिवसेना के बीच लगातार कश्मकश जारी है, लेकिन गठबंधन सरकार किसी नतीजे तक अभी तक नहीं पहुंच पाई है।

NCP

गौरतलब है कांग्रेस लगातार बैठक पर बैठक कर रही है, लेकिन महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए न हीं आगे आ रही है और न ही शिवसेना को कोई सकारामत्क और नकारात्मक जवाब ही दे रही है, जिससे शिवसेना पशोपेश में हैं कि अब महाराष्ट्र में सरकार का गठन कैसे होगा। अभी हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से महाराष्ट्र सरकार गठन के लिए बातचीत करने पहुंचे शरद पवार पहुंचे थे, लेकिन सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद वापस लौटे शरद पवार ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए ऐसा जवाब दिया कि शिवसेना की दिमाग का दही कर दिया। यही वजह थी शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत झुंझलाकर बयान देते हैं कि शरद पवार को समझने के लिए 100 जन्म भी कम है।

NCP

शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद ऐसा बयान दिया कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे को भी दिन में तारे नजर आने लगे। शरद पवार ने दिल्ली में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि उनकी सोनिया गांधी से महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई जबकि शरद पवार महाराष्ट्र से दिल्ली जाने का मकसद महाराष्ट्र सरकार गठन को लेकर चर्चा प्रमुख था। शिवसेना अभी उहापोह में फंसी है कि क्या करे, क्योंकि पवार के पावरप्ले में बुरी तरह फंसी शिवसेना को कुछ सूझ नहीं रहा है कि आगे क्या होगा।

ncp

उधर, खबर है कि शिवसेना के विधायक उद्धव ठाकरे की एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से महाराष्टर में सरकार बनाने की कवायद रास नहीं आ रही है। सुनने में आ रहा है कि शिवसेना के 17 से अधिक विधायक टूटने के कगार पर है और अगर ऐसा होता है तो शिवसेना के लिए सदमा ही कहा जाएगा, क्योंकि जिस सीएम की कुर्सी की जिद में शिवसेना ने एनडीए का साथ छोड़कर परस्पर विरोधी दल कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर बेमेल गठबंधन वाली सरकार बनाने की जो कवायद शुरू की थी, वो अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी है। अगर शिवसेना में टूट होती है, तो शिवसेना के लिए माया मिली ना राम वाली कहावत चरित्रार्थ हो जाएगी।

NCP

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन सरकार एक बेमेल गठबंधन है और शिवसेना भी इस बात को भली-भांति जानती है कि महाराष्ट्र की जनता भी गठबंधन को स्वीकार नहीं करेगी। शिवसेना अभी ऐसे मंझधार फंसी है कि उसे एक बार एनडीए सहयोगी बीजेपी की याद सताने लगी है, क्योंकि कही न कहीं उसे भी एहसास हो गया है कि परस्पर विरोधी पार्टी से गठबंधन करके भी उसे मुख्यमंत्री पद नहीं मिलने वाला है, जिसके लिए उसने पिछले एक महीने में महाराष्ट्र में सरकार गठन का ड्रामा रचा था। अभी दोनों हाथों से खाली हो चुकी शिवसेना किसी भी पतवार पर सवार होने को तैयार दिख रही है।

इसकी बानगी शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत का वह ट्वीट है, जिसमें उन्होंने कहा कि शिवसेना विचारों से अलग नहीं हो सकती है। इसलिए माना जा रहा है कि शिवसेना बीजेपी की तरफ से मिली हल्की आवाज पर भी गले लगने को तैयार बैठी हुई है। कांग्रेस और एनसीपी से मिले धोखे से नाराज शिवसेना अब किसी भी सूरत में बीजेपी के साथ सुलह के लिए तैयार दिख रही है। हालांकि अभी भी शिवसेना चाहती है कि बीजेपी 50-50 फार्मूले पर तैयार हो जाए ताकि पिछले एक महीने से महाराष्ट्र में जारी घमासान के बाद वह अपने वोटरों को मुंह दिखाने लायक हैसियत में आ सके।

NCP

उल्लेखनीय है महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे एनडीए गठबंधन के पक्ष में आए थे और बीजेपी और शिवसेना को क्रमशः 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दोनों दलों का जोड़ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े 145 से 16 अंक ज्यादा थे, लेकिन शिवसेना ने 50-50 फार्मूले की जिद की वजह से एनडीए की सरकार महाराष्ट्र में वजूद में नहीं आ सकी।

NCP

अंततः महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। करीब 18 दिन तक बीजेपी और शिवसेना के बीच चले रस्साकसी को किनारे पर बैठकर देख रहे एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने इस दौरान कई ऐसे बयान दिए, जिससे शिवसेना को मुगालता हो गया कि वह बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में सरकार बना सकती है।

NCP

18 दिन तक चली रस्साकसी के बाद जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़े दल के नाते बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया तो बीजेपी आमंत्रण अस्वीकार करके किनारे खड़ी हो गई। राज्यपाल ने फिर शिवसेना को सरकार बनाने को मौका दिया और शिवसेना भी सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े 24 घंटे में राज्यपाल को सौंपने में नाकाम रही। इसके बाद राज्यपाल ने शरद पवार को मौका दिया, लेकिन शरद पवार भी रणनीतिक रूप से सरकार बनाने की इच्छा नहीं जताई तो राज्यपाल कोश्यारी ने 11 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा कर दी।

NCP

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के बाद शिवसेना भन्ना गई और महाराष्ट्र के राज्यपाल पर आरोप लगाया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जानबूझकर शिवसेना को सरकार गठन के लिए कम समय दिया। बताया गया कि शिवसेना ने राज्यपाल के खिलाफ अपने आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। शिवसेना का कहना था कि उसने राज्यपाल से महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए 48 घंटे का समय मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने शिवसेना को महज 24 घंटे का समय दिया जबकि बीजेपी को 48 घंटे का समय दिया गया।

NCP

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना को घेरते हुए आरोप लगाया कि शिवसेना ने चुनाव नतीजे के बाद जबरन 50-50 फार्मूले का राग अलापना शुरू कर दिया जबकि पूरे कैंपेन में एनडीए सीएम कैंडीडेट के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम रखा गया था।

बीजेपी अध्यक्ष की प्रतिक्रिया के बाद शिवसेना नेताओं के मुंह में जैसे दही जम गया। अभी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे को आए तकरीबन एक माह होने को हैं और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।

NCP

माना जा रहा है कि एनसीपी और कांग्रेस मुख्यमंत्री कुर्सी के लिए म्युजिकल चेयर गेम खेल रही हैं और शिवसेना के आउट होने का इंतजार कर रही हैं। शिवसेना अभी भी मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कुछ भी करने पर अमादा है। एनसीपी और कांग्रेस बैठक-बैठक खेल रही है, क्योंकि उन्हें भी पता है कि शिवसेना के साथ गठबंधन सरकार का कोई अस्तित्व नहीं हैं और चुनाव हुआ तो दोनों दलों को एक बार अलग-अलग ही चुनाव लड़ना पड़ेगा।

NCP

यही कारण है कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार गोल-गोल मुद्दों को घुमा रहे हैं ताकि दवाब में आकर शिवसेना आत्मसम्मान के रक्षार्थ पांच साल तक महाराष्ट्र की सीएम की कुर्सी पर अपने दावे से हट जाए। संभावना भी यही दिख रही है, क्योंकि सरकार गठन को लेकर एनसीपी और कांग्रेस ने जहां चुप्पी साध रखी है, वहीं शिवसेना सरकार गठन के लिए चुप्पी नहीं साध पा रही है।

यह भी पढ़ें- बीजेपी पर आग उगल रही शिवसेना से उसके अपने ही नाराज, 17 MLA का चढ़ा पारा, जानिए क्या है वजह

Comments
English summary
Congress, NCP and shiv sena alliance government in maharashtra still have to wait as NCP president Sharad pawar gone in silence zone, while Shiv sena is upset with scenario.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X