नए आईटी नियमों को लेकर मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, डिजिटल मीडिया से जुड़े इस नियम पर लगाई रोक
चेन्नई, सितंबर 16: मद्रास उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को हाल ही में लागू सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के कुछ उपबंधों पर रोक लगा दी। पिछले महीने ऐसे ही मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने ऐसा ही आदेश पारित किया था। नियम 9 के उपबंध - (1) और (3), जिन पर आज रोक लगा दी गई, ये उप-खंड आचार संहिता के पालन को निर्धारित करते हैं। इन उपबंधों को इस साल फरवरी में मूल आईटी नियमों में शामिल किया गया था।
मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी ऑडिकेसवालु की पीठ ने बृहस्पतिवार को कर्नाटकी संगीतकार टीएम कृष्णा और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की जनहित याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह रोक लगायी है। इस एसोसिएशन में 13 मीडिया संस्थान और अन्य लोग शामिल हैं। इन याचिकाओं में नए नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गयी है।
पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ताओं की इस दलील में दम है कि सरकार द्वारा मीडिया को नियंत्रित करने का तंत्र प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह के मीडिया को उनकी स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों से वंचित कर सकता है। अदालत को बताया गया कि उच्चतम न्यायालय में इसी तरह के मामले लंबित हैं और उन पर अगले महीने के पहले सप्ताह में सुनवाई होनी है। इस पर उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
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संयोग से बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के कुछ हिस्सों के संचालन पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिसके लिए सभी ऑनलाइन प्रकाशक "आचार संहिता" का पालन करते हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अगस्त में अंतरिम रोक लगाते हुए कहा था कि लोकतंत्र के लिए "असहमति" महत्वपूर्ण है। न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन द्वारा आईटी नियमों को केरल उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसमें पिछले महीने देश के कुछ सबसे बड़े समाचार नेटवर्क शामिल हैं। अदालत ने प्रकाशकों के पक्ष में एक अस्थायी आदेश देते हुए कहा कि अगर वे अभी आईटी नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।