AIADMK का बैनर गिरने से युवती की मौत पर कोर्ट ने कहा- इस देश में जान की कोई कीमत नहीं
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और चेन्नई कॉर्पोरेश को बैनर गिरने से सुबाश्री की मौत मामले में अवैध बैनर हटाने में नाकाम अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बता दें कि, चेन्नई में गुरुवार को एक पानी के टैंकर की चपेट में आने से एक 23 वर्षीय युवती की जान चली गई। जानकारी के मुताबिक 23 साल की लड़की पर एआईएडीएमके का अवैध रूप से लगा हुआ बैनर नीचे आ गिरा था।
मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि हमने गैर-कानूनी रूप से लगाए जाने वाले फ्लैक्स बोर्ड पर कई बार रोक लगाने के आदेश दिए हैं, लेकिन कोई मानता ही नहीं। हम तो अब थक गए हैं। जस्टिस शेसासयी ने कहा, इस देश में किसी की जान की कीमत नहीं रह गई है। यह घटना नौकरशाहों की उदासीनता का परिणाम है। हम माफी चाहते हैं कि यह कहना पड़ रहा है कि अब हमें सरकार पर विश्वास नहीं रहा है।
कोर्ट ने इस घटना का संदर्भ देते हुए दायर की गई एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को सड़कों को रंगने के लिए कितने लीटर खून चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और चेन्नई कॉरपोरेशन को निर्देश दिया कि वे उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। जो अवैध फ्लैक्स बोर्ड को हटाने में नाकाम रहे थे, जिसके कारण चेन्नई में 22 साल की सुबाश्री की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों से उसके परिवार के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा भी देने को कहा।
हाईकोर्ट ने कहा कि जरा सोचिए यदि महिला इंजीनियर जीवित होती तो वह देश की जीडीपी में कितना योगदान करती। कोर्ट ने कहा कि क्या अब मुख्यमंत्री इस प्रकार के अनाधिकृत बैनरों के प्रति कुछ बयान जारी करने के इच्छुक हैं। इस घटना के बाद विपक्षी दल डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा, मैंने बार-बार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को बैनर और पोस्टर लगाने से रोका है। कुछ पोस्टर इजाजत लेकर लगाए जाते हैं। इसके अलावा पार्टी के बारे में प्रचार करने के लिए पोस्टर लगाने पर हमने रोक लगाई हुई है। उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो इसे तोड़ेंगे और पार्टी के नियमों को नहीं मानेंगे।
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