5 साल से पाक की जेल में बंद है यह भारतीय, 4 मई को होगा रिहा
नई दिल्ली: करीब 5 सालों से पाक की जेल में बंद मध्य प्रदेश का 21 वर्षीय जितेंद्र अर्जनवार चार मई को भारत आ जाएगा। वह अनजाने में राजस्थान के रेगिस्तान में पानी की तलाश में भटकते-भटकते पाकिस्तान के सिंध इलाके में जा पहुंचा था। जितेंद्र एनीमिया का रोगी है। भारतीय हाईकमीशन के अफसर ने बताया कि उसे कराची के मलिर जेल से वाघा बॉर्डर लाया जाएगा।
भारत वापस जाने के लिए जितेंद्र को एमरजेंसी वीजा दिया जायेगा। पाक से भारत आने वालों की इंटेलिजेंस एजेंसियों द्वारा पूछताछ की जाती है लेकिन जितेंद्र के मामले में ऐसा नहीं है, क्योंकि उसकी हालत ठीक नहीं है। हालांकि इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है।
4 मई को भारत आएगा जितेन्द्र
पाकिस्तान में भारतीय राजदूत अजय बिसारिया ने बताया कि अमृतसर में जितेंद्र की देखभाल की जाएगी, जहाँ से उसे विदेश मंत्रालय के अधिकारी और पंजाब सरकार घर भेजेगी। बिसारिया ने कहा कि सकारात्मक माहौल का स्वागत है। दोनों देश कैदियों को वापस भेजने की दिशा में काम कर रहे हैं। खासतौर पर उन्हें, जो बीमार हैं या जिनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। इस तरह के केस के लिए डॉक्टरों की टीम गठित की गई है और वीजा पर काम किया जा रहा है।
जितेन्द्र को 2013 में पकड़ा गया था
इसके पहले 23 वर्षीय दलविंदर सिंह को रविवार को बीएसएफ को सौंप दिया गया था, दलविंदर सिंह अनजाने में पाक के कासुर इलाके के बलनवाला गांव जा पहुंचा था। दलविंदर ने अपनी एक साल की सजा पूरी की और रविवार को पाकिस्तान द्वारा वापस भेज दिया गया था। लेकिन इस मामले में जितेन्द्र उतना भाग्यशाली नहीं था, उसे 2013 में पकड़ा गया था, पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में जुवेनाइल जेल में उसे रखा गया था। बैरिस्टर हया जाहिद के सामने जितेन्द्र तब पड़ा जब वो पाक की प्रांतीय जेलों में स्वच्छता की स्थिति का निरीक्षण कर रही थीं।
पाकिस्तान के सिंध इलाके में जा पहुंचा था जितेंद्र
हया जाहिद ने पहली बार उसकी रिहाई का मामला उठाया था। मलिर जेल में जितेन्द्र जाहिद के सामने उसके बाद से कई बार आया। बीते चार साल में दोनों देशों के रिश्तों में काफी उतार-चढाव आया पाकिस्तान के मुताबिक, उनकी जेलों में 58 भारतीय बंद हैं जबकि 56 पाकिस्तानी भारत की जेलों में बंद हैं।