न्याय के लिए दर-दर भटक रही दहेज लोभियों के दरिंदगी की शिकार एक युवती, नहीं हो रही सुनवाई
नई दिल्ली। जिस सूबे की कमान एक महिला के हाथ में है कम से कम वहां महिलाओं को लेकर संवेदनशीलता की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन पुलिस और प्रशासन की ढुलमुल रवैये के चलते ये उम्मीद दम तोड़ती नजर आ रही है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान की। यहां के जयपुर में दहेज के लिए पति और ससुराल पक्ष की तरफ से प्रताडि़त की गई एक युवती न्याय के लिए भटक रही है। आलम ये है कि सीएम वसुंधरा राजे की पुलिस उसकी मदद के बजाए उसे तरीख पर तारीख दे रही है। पुलिस पर एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार न करने का आरोप लगा है।
क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली प्रगति श्रीवास्तव की शादी 13 जुलाई 2016 को जयपुर के रहने वाले रजत सक्सेना से हुई थी। शादी के कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहा लेकिन बाद में प्रगति के ससुरालवाले उससे पैसे की मांग करने लगे। वो उससे कहते कि अपने पिता से कैश और गाड़ी मांगे। प्रगति ने इस बारे में अपने पति रजत को बताया तो उसने भी ऐसा ही करने को कहा। हर तो उस वक्त पार हो गई जब करवाचौथ वाले दिन ससुरालवालों ने उसकी प्रगति की पिटाई कर दी। इतना ही नहीं प्रगति के हाथ की नस तक काट दी गई। ये हैवालितत दिसंबर 2016 तक चली।
मारपीट कर मायके छोड़ आया पति
प्रगति ने बताया कि 24 दिसम्बर 2016 को रजत ने फिर उसे साथ मारपीट की और रीवा लाकर छोड़ गया। 25 मार्च को प्रगति के साथ उसके माता पिता व घर के अन्य सदस्य जयपुर जा कर सुलह करवाने की कोशिश किये ,लेकिन वहां भी सबको धमकी दे घर घर से निकाल दिया गया। रजत और उसके परिवारवालों ने प्रगति को घर में रखने से मना कर दिया। उसके बाद रजत की तरफ से प्रगति को झूठे केस में फंसाया गया लेकिन कोर्ट का फैसला प्रगति के पक्ष में आया। 4 जून 2017 को लड़की वालों ने रीवा थाने व परिवार परामर्श केंद्र में अपने साथ हुए पूरे मामले की लिखित सूचना दी।
ये है घटनाक्रम, देखिए किस तरह पुलिस कर रही है लापरवाही
- परामर्श केंद्र की सुनवाई में लड़के वालों ने आने से साफ इंकार किया।
- 27 जुलाई 2017 को रीवा महिला थाने में FIR दर्ज हुई।
- FIR जीरो पर कायम हो कर जयपुर भेजी गई, जिसमे रीवा थाने द्वारा - 498(A) 3,4 , 377 पति, 354 ससुर उक्त धारा लगाई गई।
- जो कि सिंधी कैम्प थाने में जयपुर द्वारा 23 अगस्त 2017 को 160/17 क्रमांक में दर्ज हुई।
- जिसमे अब तक लड़की द्वारा दिनांक 29 अगस्त 2017 को 161 के बयान तथा मेडिकल,
- 1 सितंबर 2017 को मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान हुए।
- 6 अक्टूबर 2017 को लड़की के माता पिता के भी 161 के बयान सिंधी कैम्प थाने में हुआ।
- 6 अक्टूबर 2017 को ही 406 धारा के तहत लड़के वालों के घर से सिन्धी कैम्प पुलिस द्वारा समान भी बरामद करवाया गया , जो कि संतोष जनक नही था।
- लड़की द्वारा लखनऊ कोर्ट में
- घरेलू हिंसा एवं 125 crpc का मुकदमा भी लगाया जा चुका है।
पुलिस दबाव में नहीं कर रही गिरफ्तारी
प्रगति
ने
बताया
कि
एफआईआर
दर्ज
होने
के
बाद
भी
लड़के
वालों
की
गिरफ्तारी
नही
हुई
तथा
थाने
वालो
द्वारा
अधिक
पैसा
मिल
जाने
पर
सिंधी
कैम्प
पुलिस
मामले
को
टाल
रही
है।
इस
मामले
में
कथित
तौर
पर
एक
बड़े
नेता
का
पुलिस
पर
दबाव
है।
बार-बार
काउंसलिंग
का
दबाव
बनाया
जा
रहा
है।
जिसमे
दिनांक
2
नवंबर
2017
को
जिला
कमेटी
की
काउंसलिंग
भी
हो
चुकी
।
लड़के
वालों
के
खिलाफ
लड़की
वालों
के
पास
लिखित
में
दहेज
की
माग
की
लिस्ट
है।
107/16
के
बयानों
में
लड़के
वालों
द्वारा
क़बूल
किया
गया
कि
उन
लोगो
ने
दहेज
की
माग
की
जिसकी
सर्टिफाइड
कॉपी
कोर्ट
द्वारा
प्राप्त
की
जा
चुकी
है।
PMO के आदेश की भी अनदेखी कर रही है पुलिस
प्रगति
ने
बताया
कि
मामला
अब
सिन्ध
कैम्प
थाने
से
महिला
थाना
पश्चिम
जयपुर
भेज
दिया
गया
है।
लड़की
वालों
पर
आए
दिन
जान
से
मारने
की
धमकी
दी
जाती
है।
लड़की
द्वारा
जयपुर
SP
और
कमिश्नर
से
मिल
कर
सुरक्षा
की
मांग
की
जा
चुकी
है।
दो
बार
से
ज्यादा
PMO
में
भी
सुरक्षा
तथा
मामले
में
कार्यवाही
हेतु
आवेदन
दिया
जा
चुका
है।
जिसका
जवाब
भी
मिला
लेकिन
पुलिस
द्वारा
कार्यवाही
नही
की
गई
।
लड़के
द्वारा
लड़की
के
खिलाफ
सोशल
नेटवर्किंग
साइटों
पर
आपत्तिजनक
बाते
फैलाई
गई
जिसकी
शिकायत
लड़की
ने
भोपाल
साइबर
सेल
में
दर्ज
कराई
गई
है।