सांप के काटने के बाद इलाज के लिए भर्ती थी महिला, तांत्रिक ने आकर अस्पताल में शुरू कर दिया झाड़-फूंक
भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह में अंध विश्वास का ऐसा मामला सामने आया है जिसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि इससे निजात कैसे मिलेगी। सूबे के एक सरकारी संस्था में अंध विश्वास के इस खेल ने सिस्टम को कटघरे में ला खड़ा किया है। दरअसल, दमोह में सांप काटने के इलाज के नाम पर जिला अस्पताल में ही तांत्रिक ने झाड़-फूंक शुरू कर दिया।
तांत्रिक ने आकर अस्पताल में शुरू कर दिया झाड़-फूंक
दमोह जिले के बतियागढ़ गांव की रहने वाली इमरती देवी को सांप ने काट लिया था जिसके बाद इलाज के लिए उनको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन तभी पीड़िता के रिश्तेदारों ने अस्पताल में ही तांत्रिक को बुला दिया। महिला को कथित तौर पर झाड़-फूंक के नाम पर पुरुष वार्ड के बाहर कपड़े उतारने पड़े। इस मामले पर अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा गार्ड और उस समय ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों को इस घटना के बारे में पता नहीं था, लेकिन एक नर्स ने इसे देखा और लेकिन उसने रोका नहीं।
सांप के काटने के बाद इलाज के लिए अस्पताल में आई थी महिला
शुरुआती जांच में सामने आया है कि करीब घंटे भर तक चले झाड़-फूंक के इस खेल को ना तो किसी स्टाफ ने रोका और ना ही सिक्योरटी गार्ड्स ने। हालांकि, एक नर्स ने देखा था लेकिन उसने किसी डॉक्टर या अन्य कर्मचारी को इसकी सूचना नहीं दी थी। बाद में महिला को फिर से अस्पताल के वार्ड में बिस्तर पर लिटा दिया गया।
नर्स ने देखा था लेकिन नहीं रोका
सिविल सर्जन ममता तिमोरी ने कहा कि इस मामले में नर्स को नोटिस दिया जा रहा है। डॉक्टर उस वक्त मरीजों को देख रहे थे जब तांत्रिक वार्ड के बाहर झाड़-फूंक कर रहा था। अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं लेकिन हैरानी की बात ये है कि करीब एक घंटे चले इस झाड़-फूंक को किसी ने भी नहीं देखा। जबकि एक डॉक्टर का कहना है कि दमोह के जिला अस्पताल में आए दिन ऐसा होता है लेकिन इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है।