मध्य प्रदेश: ICU की नहीं मिली चाभी, एंबुलेंस में ही कोरोना संदिग्ध ने तोड़ा दम
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में चिकित्सीय चूक की एक बेहद ही शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। इंदौर में एक महिला ने उस वक्त दम तोड़ दिया जब आईसीयू में ताला लगा होने के कारण उसे भर्ती नहीं किया जा सका। दरअसल आईसीयू में लगे ताले की चाभी अस्पताल स्टाफ को नहीं मिली। जिसके चलते महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। महिला को हाई ब्लड-प्रेशर और सांस लेने में परेशानी थी।
मेडिकल कॉलेज में आईसीयू के गेट पर ताला लगा मिला
एनडीटीवी में छपी खबर के मुताबिक, उज्जैन में गुरुवार रात 55 वर्षीय लक्ष्मी बाई को सांस लेने में तकलीफ और ब्लड प्रेशर बढ़ा होने के कारण पहले परिवार वाले माधव नगर अस्पताल लेकर गए जहां पर महिला को भर्ती कर लिया गया। यहां देर रात में करोना संक्रमण का संदेह होने पर लक्ष्मी बाई को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। लेकिन मेडिकल कॉलेज में आईसीयू के गेट पर ताला लगा मिला। कमरे की चाभी किसी स्टाफ के पास नहीं थी।
महिला कोरोना की संदिग्ध थी
महिला के परिजन आईसीयू खुलने का इंतजार करते रहे। लेकिन 30 मिनट बाद भी आईसीयू की चाभी नहीं मिल सकी। मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने बड़ी मशक्कत के बाद आईसीयू का ताला खोला। लेकिन जब तक इलाज शुरू होता, तब तक काफी देर हो चुकी थी। बुजुर्ग महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। बता दें कि 55 वर्षीय महिला को गुरुवार देर रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी और हाई ब्लड प्रेशर था।
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लापरवाही के चलते दो हटाए गए
इस मामले में उज्जैन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनुसुइया गवली ने कहा, 'वह हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित थी। उसे मेडिकल कॉलेज में भेजा गया। हमारे विशेषज्ञ ने कोविड-19 के लिए उसके नमूने लिए थे। हम जांच कर रहे हैं कि क्या वह कोरोना पॉजिटिव थी या नहीं?' पूरे मामले के बाद दो वरिष्ठ डॉक्टरों- सिविल सर्जन डॉ आरपी परमार और माधव नगर अस्पताल के इनचार्ज डॉ महेश मरमट को पद से हटा दिया गया है।
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