गो रक्षा के नाम पर हिंसा के खिलाफ कानून लाने वाला पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश
नई दिल्ली। गो रक्षा के नाम पर जिस तरह से लोगों के साथ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, उसके बाद मध्य प्रदेश की सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। मध्य प्रदेश की सरकार गो रक्षा के नाम पर हिंसा करने के खिलाफ कानुन बनाने जा रही है। सरकार गो हत्या एक्ट में संशोधन करने जा रही है, जिसमे तहत अब जो भी व्यक्ति हिंसा गो रक्षा के नाम पर हिंसा करेगा या संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों की अनुसार पहली बार ऐसा करने वालों को अब तीन साल की सजा हो सकती है, जबकि दोबारा करने पर पांच साल तक की सजा हो सकती है। माना जा रहा है कि कैबिनेट आज इस फैसले पर अपनी मुहर लगा सकती है।
बता दें कि फिलहाल अभी तक इस तरह के अपराध के लिए आईपीसी और सीआरपीसी के तहत सजा का प्रावधान है। गौर करने वाली बात है कि जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भीड़ द्वारा हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस तरह के हालात से निपटने के लिए दिशानिर्देश जारी करने चाहिए जिससे कि भीड़ द्वारा गो रक्षा के नाम पर लोगों के साथ हिंसा ना की जाए। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नया कानून बनाने को भी कहा था। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे और कहा था कि इस तरह की घटनाओं को रोकने का प्रावधान किया जाए और कैसे इस तरह की घटनाओं से निपटा जाए इसपर योजना बनाई जाए।
गौर करने वाली बात है कि हरियाणा के गुरुग्राम में भी गो रक्षा के नाम पर हिंसा का मामला सा्मने आया है। यहां जहां मंगलवार को दो लोगों को गोवंश की तस्करी के आरोप में बुरी तरह से भीड़ ने पीट दिया, लेकिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाए पीड़ितों को ही गिरफ्तार कर लिया है। सविता कटारिया जोकि गुट की मुखिया है, उसने बताया कि दो पिकअप गाड़ियों को गो रक्षा दल के लोगों ने गुरुग्राम से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर इस्लामपुर गांव में रोका था। गुरुग्राम पुलिस के पीआरओ सुभाष बोके ने बताया कि शाथिल अहमद जोकि पलवल जिले का रहने वाला है और तयैद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दो अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
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