ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर शरद पवार ने कही बड़ी बात
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में मचे सियासी बवाल के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अब महाराष्ट्र में भी इस तरह की उठापटक देखने को मिल सकती है। लेकिन इस बीच एनसीपी मुखिया शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में मध्य प्रदेश जैसा संकट नहीं आएगा। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार अच्छा काम कर रही है। शरद पवार ने यह बयान दक्षिण मुंबई स्थित विधान भवन में पत्रकारों से बात करते हुए दिया।
हार के बाद तुरंत पुनर्वास चाहते थे
वहीं शरद पवार ने इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया तुरंत पुनर्वास चाहते थे। शरद पवार से जब यह पूछा गया कि क्या मध्य प्रदेश की स्थिति के लिए क्या कांग्रेस को दोषी ठहराया जा सकता है। इस पर पवार ने कहा कि कुछ लोगों को इस बात का भरोसा है कि कमलनाथ में क्षमता है और प्रदेश में चमत्कार हो सकता है। अगले एक दो दिन में पता चल जाएगा कि क्या होगा। मैं मध्य प्रदेश विधानसभा की संरचना को बेहतर नहीं जानता हूं। साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर भी शरद पवार ने बड़ी बात कही।
राजा साहब से बात होती तो ऐसा नहीं होती
शरद पवार ने कहा कि अगर राजा साहब से बात की गई होती तो इस तरह की स्थिति नहीं होती। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को नई जिम्मेदारी देनी चाहिए थी। उधर शिवसेना नेता संजय राउत ने भी महाराष्ट्र में मध्य प्रदेश जैसी स्थिति से इनकार किया था। नहीं हो सकती है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में भी यह करने की कोशिश की थी, लेकिन ये लोग यहां विफल हो गए थे। इस तरह का कोई भी ऑपरेशन महाराष्ट्र में सफल नहीं होगा। यहां पर हमारे जैसे सर्जन ऑपरेशन थिएटर में बैठे हैं, अगर यहां पर कोई भी ऑपरेशन करने आता है तो उसका खुद का ऑपरेशन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का वायरस महाराष्ट्र में नहीं घुसेगा।
बाईपास सर्जरी से बचाया महाराष्ट्र को
संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की सत्ता अलग है, यहां 100 दिन पहले ही अभियान विफल हो चुका है। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी ने इन लोगों की बाईपास सर्जरी की और महाराष्ट्र को बचाया था। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में बिल्कुल विपरीत विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आई हैं। हमने यहां पर ऐसे दलों के साथ सरकार बनाई है जहां शिवसेना हिंदुत्व की विचारधारा वाली पार्टी है, कांग्रेस व एनसीपी सेक्युलर विचारधारा वाली पार्टी हैं। लोग कयास लगा रहे थे कि यहां सरकार अधिक दिन तक नहीं चलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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