'हम बाजरे की 4 रोटी खाते हैं,कोरोना कैसे हो जाएगा', बिना मास्क के विधानसभा पहुंचने पर कांग्रेस MLA का तर्क
'हम बाजरे की 4 रोटी खाते हैं, हमें कोरोना कैसे हो जाएगा', बिना मास्क के विधानसभा पहुंचने पर कांग्रेस MLA का अजीब तर्क
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में सोमवार (22 फरवरी) को विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। इस दौरान विधानसभा में पहुंचे कई विधायक कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते दिखें। मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान कई विधायक बिना मास्क के पहुंचे थे। मीडिया ने जब इन विधायकों से मास्क ना पहने के बारे में पूछा तो नेताओं ने अजीब तर्क दिए। मास्क न पहनने पर चंबल क्षेत्र के कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाहा ने कहा, अब कोरोना नहीं है, ये खत्म हो गया है। कहां है कोरोना। हम रोज 4 बाजरे की रोटी खाते हैं और 8 गेंहू की, हमें कहां से कोरोना हो जाएगा।' उन्होंने पत्रकार को ये भी कहा है कि मीडिया जानबुझकर इस बात का मुद्दा बनाती है।
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बिना मास्क के विधानसभा पहुंचने पर कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने कहा, ''सदन में कोई कोरोना नहीं है। सब कुछ फर्जी है और एक बहाना है। मध्य प्रदेश में कोरोना अब खत्म हो चुका है। सबकुछ खुल गया है। इतनी बड़ी-बड़ी सभाएं हो रही हैं। मैंने कभी मास्क का इस्तेमाल नहीं किया है और न ही करूंगा।''
बिना मास्क के सदन में आई बसपा (BSP) विधायक रामा बाई ने कहा, मैं मास्क नहीं लगा सकती हूं, मास्क लगाने पर मुझे बहुत घुटन होती है। मैं अपना चेहरा ढकने में असहज महसूस करती हूं। मुझे कोरोनो वायरस से डर नहीं है।
I eat ‘4 bajra rotis’, Corona will not affect me: Baijnath Kushwaha, Congress MLA, Madhya Pradesh.
More details by Govind. pic.twitter.com/DXeNkmnwf6
— TIMES NOW (@TimesNow) February 22, 2021
बीजेपी विधायक प्रद्युम्न लोधी भी बिना मास्क के दिखाई दिए। मास्क ना पहने पर बीजेपी विधायक प्रद्युम्न लोधी ने कहा, मैंने विधानसभा के अंदर मास्क पहना था। मीडिया को बाइट देनी थी, इसलिए मास्क को हटाना पड़ा था।
बता दें कि पिछले 3-4 दिनों में मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के आंकड़े फिर से तेजी से बढ़े हैं। पिछले सप्ताह के आधार पर, प्रतिदिन 200 से अधिक कोरोनो वायरस मामले सामने आए हैं। शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने इसको लेकर विशेष दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। बजट सत्र के दौरान विधानसभा के अंदर कोरोना की वजह से सिर्फ विधायकों को ही एंट्री दी गई थी। मीडियाकर्मी और सुरक्षाकर्मियों को भी सदन के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया था।