मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी का बड़ा फैसला, परीक्षाओं में 'हिंग्लिश' भाषा के प्रयोग को दी मंजूरी
मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (MPMSU) ने सभी परीक्षाओं में छात्रों को 'हिंग्लिश' भाषा का प्रयोग करने की इजाजत दे दी है। अब परीक्षा में बैठने वाले सभी छात्र/छात्राएं अपना जवाब लिखने के लिए अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 'हिंग्लिश' भाषा का प्रयोग भी कर पाएंगे।
भोपाल। मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (MPMSU) ने सभी परीक्षाओं में छात्रों को 'हिंग्लिश' भाषा का प्रयोग करने की इजाजत दे दी है। अब परीक्षा में बैठने वाले सभी छात्र/छात्राएं अपना जवाब लिखने के लिए अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 'हिंग्लिश' भाषा का प्रयोग भी कर पाएंगे। ये फैसला ग्रामीण बच्चों की मदद करने के मकसद से लिया गया है।
मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने ग्रामीण बच्चों की मदद करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। यूनिवर्सिटी ने फैसला लिया है कि अब छात्र/छात्राएं परीक्षा में 'हिंग्लिश' भाषा में जवाब लिख सकते हैं। अंग्रेजी और हिंदी की तरह इस भाषा में लिखे गए जवाब पर भी छात्रों को पूरे अंक मिलेंगे। ये भाषा सिर्फ लिखित परीक्षा ही नहीं, बल्कि ओरल के लिए भी मंजूर की गई है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आरएस शर्मा ने कहा, 'इस फैसले का सभी ने स्वागत किया है और इससे मेडिकल छात्रों को काफी मदद मिलेगी, खासकर ग्रामीण छात्रों को।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'ग्रामीण छात्र जवाब पता होने के बावजूद नहीं लिख पाते क्योंकि उनकी अंग्रेजी पर इतनी पकड़ नहीं होती। ओरल परीक्षा में भी वो सही से जवाब नहीं दे पाते, जिससे टीचर भी झल्ला जाता है। इस फैसले के बाद वो जवाब लिख पाएंगे। '
जारी सर्कुलर में कहा गया है, 'एक लंबे डिस्कशन के बाद बोर्ड ऑफ स्टडीज मे फैसला लिया है कि सभी कॉलेजों के छात्रों को अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 'हिंग्लिश' में लिखने का भी ऑप्शन होगा।' उदाहरण के तौर पर छात्र परीक्षा में 'हार्ट अटैक' को 'हार्ट का दौरा' भी लिख सकते हैं।
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