शिवराज सिंह चौहान को मिली माधुरी दीक्षित की 'ममता'
महिला सशक्तिकरण के इस अभियान की ब्रांड एम्बेसडर बनने के बाद माधुरी दीक्षित बहुत खुश नजर आयीं। उन्होंने कहा कि महिलाएं शिक्षा, प्रगति और समृद्धि का द्वार खोलती हैं। मध्य प्रदेश में माताओं और शिशुओं का जीवन बचाने के अभियान ममता की शुरुआत करते हुए राजधानी भोपाल में माधुरी दीक्षित ने राज्य सरकार की पहल की सराहना भी की।
माधुरी दीक्षित ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां की स्थानीय संस्कृति व परंपराओं में विविधता है। इन्हें एक साथ लाना कठिन काम है। माताओं और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के श्रम की सराहना की और कहा कि और सम्मान के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि ममता अभियान के तीन बिंदु- स्नेह, सुरक्षा और सम्मान अपने आप में एक मिशन है। माता और शिशुओं की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से कई छोटी-छोटी सुविधाएं और परामर्श उपलब्ध है, लेकिन इसके प्रति माताओं को जागरूक बनाने की जरूरत है।
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माधुरी बोलीं कि थोड़ी सी जागरूकता से 80 प्रतिशत माताओं का जीवन इससे बच सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जागरूक होकर इनका लाभ उठाएं। माधुरी ने बेटे और बेटियों के साथ बराबरी का व्यवहार करने और उन्हें स्कूल भेजने का आग्रह करते हुए कहा कि महिला शिक्षा प्रगति और समृद्धि के द्वार खोलती है। उन्होंने यूनिसेफ और मुख्यमंत्री के नेतृत्व की सराहना की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माताओं और शिशुओं का जीवन बचाने के ममता अभियान को समाज और जनता का अभियान बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि समाज का हर वर्ग इस अभियान में सहयोग करे। यह अभियान यूनिसेफ संस्था के सहयोग से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति और अधोसंरचना विकास के कार्य किए गए हैं। प्रदेश में अब स्वास्थ्य और शिक्षा को केंद्र में रखकर प्रदेश को बदलने का अभियान चलाया जा रहा है। माताओं और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। दुनिया की सबसे सुंदर घटना बच्चे का जन्म है और इसी से सृष्टि चलती है। माताओं को कोई तकलीफ न हो, इसके लिए समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। प्रदेश में संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 22 से बढकर 86 प्रतिशत हो गया है। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। जननी सुरक्षा के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
यूनिसेफ के राज्य प्रमुख ट्रेवर क्लार्क ने अभियान के उद्देश्य की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस अभियान के अच्छे परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ इस अभियान को समर्थन देना जारी रखेगा।
इनपुट- इंडो-एशियन न्यूज सर्विस से।