कहीं जान-बूझकर तो वायरल नहीं किया गया था एमपी में कमलनाथ का वो वीडियो?
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश चुनाव में कांग्रेस भले ही बहुमत के जादुई आंकड़े से थोड़ी रह गई, लेकिन शिवराज के गढ़ में सरकार बनाने का दावा ठोक दिया है। इस बार राजस्थान और छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस अपनी अलग रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी। पिछले महीने नवंबर में मध्यप्रदेश में जब चुनावी अभियान अपने चरम पर था, उस वक्त कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे मुस्लिम वोट बैंक का तु्ष्टिकरण करते हुए दिख रहे थे। कमलनाथ के इस वीडियो को लेकर बीजेपी ने सिर्फ आपत्ति व्यक्त की, बल्कि सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस की लोगों ने काफी आलोचना की। लेकिन, कुछ भी कहो कमलनाथ का वह वीडियो चुनाव में काम कर गया और बड़े स्तर पर मुस्लिमों ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए वोट किया।
क्या कहा था कमलनाथ ने?
मध्यप्रदेश में एक छोटी सी चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने खुलेआम मुस्लिमों को कांग्रेस का वोट बैंक बताया था। उन्होंने कहा था, 'आप पिछला रिकॉर्ड देख लीजिये य तो इंटरनेट पर है। जो मुसलमान बूथ है वहां कितने प्रतिशत मतदान हुआ है। अगर वहां 60% मतदान हुआ तो क्यों हुआ। 90% क्यों नहीं हुआ। इसका पोस्टमार्टम करना बेहद जरूरी है। मुसलमान समाज के अगर 90% वोट नहीं पड़े तो हमें बहुत बड़ा नुकसान होगा।'
बीजेपी हुई थी खफा
कमलनाथ के इस वीडियो के बाद आनन फानन में बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका कड़ा विरोध जताया। बीजेपी नेता प्रभात झा ने कहा था कि कमलनाथ चुनाव से पहले सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और दंगे कराने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस वीडियो से बीजेपी इतनी खफा हो गई थी कि चुनाव आयोग जाकर शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा कि कमलनाथ को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। प्रभात झा ने इसे शर्मनाक बताया था। हालांकि, कांग्रेस ने इस विवाद पर इतना कहा था कि कमलनाथ सिर्फ वोट मांग रहे थे, जो कि चुनाव आयोग के नियमों ने हटकर बिल्कुल भी नहीं है।
क्या हुआ फायदा?
ऐसा लग रहा था कि यह वायरल वीडियो कांग्रेस के खिलाफ काम कर सकता है और हिंदू बहुसंख्यक बीजेपी के साथ खड़े हो सकते हैं। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान के प्रति जनता की नाराजगी शायद ज्यादा बड़ी थी। इस वीडियो का असर कहे या न कहे, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में मुस्लिमों के जमकर वोट पड़े हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने 116 के बहुमत के आंकड़े को टच नहीं कर पाई है, लेकिन अन्य दलों का साथ लेकर सरकार बनाने का रास्ता साफ कर दिया है।