मध्य प्रदेश में फिर बढ़ी सियासी हलचल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर प्रोफाइल से BJP हटाया!
राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है...
नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर प्रोफाइल से कथित तौर पर 'भाजपा' हटा लिया है। सिंधिया के ट्विटर प्रोफाइल पर अब केवल जन सेवक और क्रिकेट प्रेमी लिखा हुआ है। हालांकि इस मामले को लेकर अभी तक ज्योतिरादित्य सिंधिया या भाजपा की तरफ से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सिंधिया ने अपने ट्विटर प्रोफाइल में कभी भाजपा लिखा ही नहीं था। सिंधिया ने पिछले दिनों जब कांग्रेस छोड़ी थी, उस समय भी पार्टी से इस्तीफा देने से पहले उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से 'कांग्रेस' हटा लिया था।
कहीं दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा तो नहीं!
हालांकि सियासी गलियारो में चर्चा है कि राज्य की शिवराज सरकार में अपने समर्थक विधायकों को ज्यादा से ज्यादा मंत्री पद दिलाने के लिए यह सिंधिया की दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है। दरअसल, पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केवल 5 विधायकों को ही मंत्रिमंडल में शामिल किया तो उस समय भी सिंधिया समर्थक मंत्रियों को हल्के विभाग दिए जाने को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा था। साथ ही सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के समय इस बात की चर्चा थी की उनके किसी समर्थक विधायक को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। ऐसे में अपने ट्विटर प्रोफाइल से भाजपा हटाने के सिंधिया के इस कदम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
डिप्टी सीएम पद पर चर्चा तेज
मध्य प्रदेश की कैबिनेट में डिप्टी सीएम पद रहेगा या नहीं, अभी तक ऐसा कोई संकेत भाजपा की तरफ से मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। बीते दिनों, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली, तो पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया था, लेकिन वो अपनी तरफ से नामांकित किसी विधायक को इस पद पर बिठाना चाहते थे। कमलनाथ ने एक चेले को लेने से इनकार कर दिया।'
बालेंदु शुक्ला भी कांग्रेस में शामिल
इससे पहले शुक्रवार को ही भाजपा को एक बड़ा झटका उस वक्त लगा था, जब पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ला पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए। बालेंदु शुक्ला को खुद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने घर पर पार्टी की सदस्यता दिलाई। बताया जा रहा है कि बालेंदु शुक्ला पिछले काफी समय से भाजपा से नाराज चल रहे थे। इसके बाद सिंधिया के भाजपा में आने से उनकी नाराजगी और बढ़ गई। दरअसल करीब 10 साल पहले बालेंदु शुक्ला ने सिंधिया पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के उपचुनाव में कांग्रेस उन्हें ग्वालियर विधानसभा सीट से मैदान में उतार सकती है।
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