अटल के लाडले और माया-उमा के भाई थे लालजी टंडन, ऐसा रहा राजनीतिक सफर
लखनऊ। मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया, बता दें कि 85 वर्षीय लालजी टंडन मेदांता अस्पताल में करीब डेढ़ महीने से भर्ती थे, लालजी टंडन के किडनी और लिवर में दिक्कत के बाद उन्हें एडमिट कराया गया था, कल रात उनकी स्थिति काफी खराब हो गई थी जिसके बाद आज सुबह 5 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया, मालूम हो कि टंडन के निधन के बाद यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

लखनऊ में हुआ था लालजी टंडन का जन्म
यूपी की राजनीति का बड़ा नाम रहे लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल, 1935 में लखनऊ में हुआ था, स्पष्ट वक्ता के रूप में प्रख्यात टंडन अपने शुरुआती जीवन में ही लालजी टंडन आरएसएस से जुड़ गए थे, उन्होंने स्नातक कालीचरण डिग्री कॉलेज लखनऊ से किया था, लालजी टंडन की 26 फरवरी शादी 1958 में कृष्णा टंडन के साथ हुई थी, उनके तीन बेटे हैं।
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दो बार पार्षद चुने गए थे लालजी टंडन
इनका राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ था, टंडन दो बार पार्षद चुने गए थे और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे थे, 1978 से 1984 तक और फिर 1990 से 96 तक लालजी टंडन दो बार यूपी विधानपरिषद के सदस्य रहे। 1991 में वह यूपी के मंत्री पद पर भी रहे।

अटल बिहारी के लाडले कहे जाते थे लालजी टंडन
उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था। अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी थे, लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता था, 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान रहा था,उन्होंने साल 2018 में बिहार के राज्यपाल की भी कुर्सी संभाली थी।

माया-उमा के राखी भाई थे लालजी टंडन
पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी के बेहद लाडले रहे लालजी टंडन ने हमेशा कहा कि अटल बिहारी उनके साथी, भाई और पिता तीनों ही थे, वो ना होते तो शायद वो राजनीति में ना होते, इसी वजह से 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाद लखनऊ की लोकसभा सीट खाली हुई तो लालजी टंडन ने यहां से चुनाव लड़ा था। उनके संबंध विरोधियों से भी काफी मधुर रहे, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और उमा भारती दोनों उन्हें अपना राखी भाई मानती थी। मायावती ने राखी बांधने की वजह से ही टंडन की बात मानकर यूपी में बीजेपी के साथ मिलकर बीएसपी की सरकार बनाई थी।
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