अंगरक्षक ने दी ऐसी पर्ची की राज्यपाल को खत्म करना पड़ा अपना भाषण
बमोरी में के उस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद थे। दरअसल राज्यपाल का भाषण लंबा होता देख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अंगरक्षक से एक पर्ची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तक भिजवा दिया।
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के बमोरी में एक राज्यपाल आनंदीबेन का भाषण एक पर्ची की वजह से रुक गया। दरअसल रविवार को मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बमोरी में थी। बमोरी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने संबोधन में राज्य सरकार की लाभकारी योजनाओं पर चर्चा कर रही थीं और उनका भाषण लंबा जा रहा था। संबोधन लंबा होता देख राष्ट्रपति के अंगरक्षक ने एक पर्ची राज्यपाल के पास जाकर रख दी। इस पर्ची को पढ़ने के बाद राज्यपाल ने तुरंत अपना भाषण खत्म कर दिया।
बमोरी में के उस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद थे। दरअसल राज्यपाल का भाषण लंबा होता देख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अंगरक्षक से एक पर्ची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तक भिजवा दिया। पर्ची को पढ़ने के बाद राज्यपाल ने तुरंत अपना भाषण खत्म कर दिया। वहीं मध्य प्रदेश में एक और घटना हुई। गुना में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक कार्यक्रम में शामिल होने से समय से 20 मिनट पहले पहुंचे तो आयोजकों ने उन्हें पंडाल के पीछे बैठा दिया।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने ग्राम बमोरी में 127 करोड़ की लागत के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। राष्ट्रपति ने 10 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस के रूप में एक करोड़ रुपए की राशि प्रदाय की। राष्ट्रपति ने कहा कि वनों का संरक्षण और वनों से प्राप्त होने वाली उपज का सदुपयोग करके ही हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रख सकते हैं। वनों को आदिवासी एवं वनवासी से बेहतर कोई नहीं जान सकता है, जंगल ही उनका रक्षक और पालक है। वे दोनों एक-दूसरे की रक्षा करते है। ऐसे में तेंदूपत्ता संग्राहकों के कल्याण की जिम्मेदारी समाज और राज्य सरकार की है।
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