मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही केंद्र ने घटाई खाद की आपूर्ति, किसानों में आक्रोश
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सत्ता पिरवर्तन के बाद प्रदेश में खाद की किल्लत देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया तो दूसरी तरफ अब किसानों को खाद की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। किसानों में खाद की समस्या की बड़ी वजह यह है कि केंद्र सरकार ने खाद की सप्लाई को कम कर दिया है, जिसकी वजह से प्रदेश में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार को फोन करके इस बाबत अपनी चिंता जाहिर की है। जिस तरह से प्रदेश में खाद की कमी सामने आई उसके बाद कमलनाथ ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और इस मामले पर काफी देर तक सघन चर्चा की। आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 3 लाख 70 हजार मीट्रिक टन खाद की जरूरत होती है, लेकिन इस महीने प्रदेश को सिर्फ 1 लाख 90 हजार मीट्रिक टन ही खाद प्राप्त हुआ। प्रदेश में हर रोज तकरीबन 8 रैक खाद की जरूरत होती है।
किसानों में खाद की किल्लत की वजह से सरकार के खिलाफ रोष है, जिसके बाद आनन-फानन में कमलनाथ ने आला अधिकारियों की बैठक बुलाई और उसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा से फोन पर बात की। कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री से 85 रैक खाद की मांग की है, जिसे केंद्र सरकार ने पूरा करने का आश्वासन दिया है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की वजह से खाद की सप्लाई में फर्क देखने को मिला है।
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