Madhya Pradesh: जिला जज और उनके बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस को फूड प्वाइजनिंग का शक
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के बैतूल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और उनके बेटे की फूड प्वाइजनिंग से मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार बैतूल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे मोनू को फूड प्वाइजनिंग की शिकायत के बाद उन्हें मध्य प्रदेश के पधार अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उन्हें महाराष्ट्र के नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका रविवार को निधन हो गया। शनिवार की शाम को ही दोनों को नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन यहां उनकी मृत्यु हो गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रद्धा जोशी ने इस पूरे मामले में जांच की बात कही है।
एएसपी श्रद्धा जोशी ने कहा कि सत्र न्यायाधीश महेंद्र त्रिपाठी और उनके बेटे अभीयनराज का रविवार को निधन हो गया। रिपोर्ट के अनुसार जज और उनके बेटे 20 जुलाई को परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही खाना खाया था। इस दौरान पिता-पुत्र दोनों ने सिर्फ रोटी खाई थी, जबकि जज की पत्नी ने सिर्फ चावल खाया था। लेकिन 23 जुलाई को दोनों की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें पाधर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उन्हें शनिवार को नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
बैतूल पुलिस का कहना है कि जज एमके त्रिपाठी और उनके बेटे ने रोटी खाई थी, उसके बाद से ही उन्हें उल्टी और दस्त होने लगी। अस्पताल में जब दोनों को ले जाया गया तो पता चला कि आटे में कुछ मिलाया गया था। 24 घंटे तक जब दोनों की सेहत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें नागपुर के अस्पताल में रेफर किया गया। लेकिन अस्पताल ले जाते समय ही जज के बेटे की मौत हो गई, जबकि 26 जुलाई को जज की भी मौत हो गई।
एएसपी ने बताया कि जज के घर का पुलिस ने परीक्षण किया है और यहां आटे को जब्त करके सैंपल को टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। विसरा रिपोर्ट की जांच की जाएगी। शव का पोस्टमार्टम नागपुर में ही किया जाएगा, इसके बाद शव को उनके गृह जिला कटनी भेज दिया जाएगा।