मध्य प्रदेश भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं, सरकार बनाने की कवायद के बीच सामने आई कलह!
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछले दो दिनों से सियासी उठापटक चल रही है। प्रदेश में एक तरफ जहां कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया तो दूसरी तरफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इस पूरे सियासी उठापटक के बीच जहां भाजपा प्रदेश में फिर से सरकार बनाने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के भीतर ही टकराव की खबरें सामने आ रही हैं। सूत्रों की मानें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा के बीच दरार पड़ गई है।
विधायकों की बैठक में हुई नारेबाजी
दरअसल मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई, जिसमे नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में नारे लगे और शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नारेबाजी हुई। नरोत्तम मिश्रा को शिवराज सिंह चौहान से काफी जूनियर नेता माना जाता है, ऐसे में जिस तरह से नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में नारेबाजी हुई, उसके बाद साफ नजर आ रहा है कि पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। अहम बात है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में जिस तरह का संग्राम चल रहा है, उसपर शिवराज चौहान और नरोत्तम मिश्रा ने किसी भी भूमिका से इनकार किया था, उनका कहना था कि यह कांग्रेस का आंतरिक मसला है।
मिशन रंगपंचमी
सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने में शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा की काफी अहम भूमिका है। भाजपा ने इस मिशन का नाम रंगपंचमी रखा था क्योंकि वह चाहते थे कि होली पर ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिरे। खुद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मैंने कभी भी शिवराज और नरोत्तम मिश्रा पर कोई आरोप नहीं लगाया था, लेकिन अब साफ हो गया है कि कौन मुख्यमंत्री होगा और कौन उपमुख्यमंत्री होगा। गौरतलब है कि आज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया, इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में देश सुरक्षित है।
क्या है समीकरण
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं, जिसमे कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और उन्हें 7 अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन जिस तरह से 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया उसके बाद कुल विधायकों की संख्या 208 हो गई। विधायकों के इस्तीफे के बाद बहुमत के लिए 105 सीटों की जरूरत होगी। भाजपा के पास कुल 107 विधायक हैं।
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