मध्य प्रदेश में BJP के लिए बुरी खबर, 14 में से 9 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
मध्य प्रदेश के 13 जिलों की नगर पालिकाओं के 14 वार्डों में हुए उपचुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बुरी खबर आई है। प्रदेश के 13 जिलों की नगर पालिकाओं के 14 वार्डों में हुए उपचुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। 14 वार्डों में से भाजपा को केवल 4 सीटों पर जीत मिली है, जबकि 9 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया है। वहीं, एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई है। इन 14 सीटों के लिए बीते 3 अगस्त को मतदान हुआ था।
कांग्रेस ने छीनीं भाजपा की तीन सीटें
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव परिणाम के मुताबिक कांग्रेस ने भाजपा के कब्जे वाली तीन सीटों पर भी अपना परचम लहराया है। राज्य के 13 जिलों में स्थानीय निकाय के उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद उत्साहित कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता अब जनता के बीच घटती रही है। वहीं, कांग्रेस के इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा है कि पार्टी ने इन उपचुनावों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था इसलिए इन चुनावों में हार का मुख्यमंत्री की लोकप्रियता से कोई लेना-देना नहीं है।
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भाजपा सरकार के अंत की शुरुआत: कमलनाथ
चुनाव परिणाम के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, '9 वार्डों में कांग्रेस की जीत और पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों की जीत ने सरकारी खर्च से हो रही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा और राज्य में सरकार के विकास के झूठे दावों की पोल खोल दी है। यह मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के अंत की शुरुआत है।'
स्थानीय मुद्दों पर था चुनाव: भाजपा
कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, 'स्थानीय निकाय उपचुनाव स्थानीय नेताओं के ऊपर लड़े गए थे। पार्टी के अधिकांश नेता मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा, कार्यकर्ता सम्मेलन और बूथ लेवल मैनेजमेंट में व्यस्त थे। इसके बावजूद कांग्रेस ने पहले के मुकाबले केवल तीन सीटें ज्यादा जीतीं। यह एक स्थानीय चुनाव था जो स्थानीय मुद्दों पर लड़ा गया और इसका आगामी विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।'
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