सीएम कमलनाथ के शपथ समारोह में दिखी महागठबंधन की झलक, देखिए खास तस्वीरें...
भोपाल। कमलनाथ ने सोमवार को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। यह कार्यक्रम कमलनाथ के शपथ समरोह से ज्यादा 2019 के लिए राहुल गांधी का शक्ति प्रदर्शन था। राहुल गांधी तीनों राज्यों में होने वाले शपथ समारोह को विपक्ष की एकता के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। राजस्थान में विपक्ष के कई बडे़ नेता साथ नजर आए। जिसके बाद मध्यप्रदेश में भी कई बड़े नेता एक साथ मंच पर मौजूद दिखे।
मायावती और अखिलेश यादव ने शिरकत नहीं की
2019 में भाजपा और नरेंद्र मोदी को हराने के लिए मंच पर 10 राष्ट्रीय दलों के नेता एकजुट दिखाई दिए। तीनों राज्यों में होने वाले कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में मायावती और अखिलेश यादव ने शिरकत नहीं की है। ममता बनर्जी स्वयं नहीं आई हैं, लेकिन उन्होंने दिनेश त्रिवेदी के रूप में अपना प्रतिनिधि जरूर भेजा।
कई बड़े कांग्रेस नेता रहे मौजूद
कमलनाथ के शपथ ग्रहण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राजीव शुक्ला, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मंत्री डी शिवकुमार, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, आनंद शर्मा, राज बब्बर, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा, उनके बेटे और सांसद दीपेंदर हुड्डा, पंजाब में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे।
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नेता राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश पहुंचे
राजस्थान में शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला, एचडी देवेगौड़ा, शरद यादव के अलावा तृणमूल के दिनेश त्रिवेदी, झारखंड से हेमंत सोरेन, डीएमके से एमके स्टालिन, कनिमोझी, प्रफुल्ल पटेल जैसे नेता एक साथ एयरपोर्ट पहुंचे थे। यही क्रम मध्यप्रदेश में भी नजर आएगा। शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला, शरद यादव, एमके स्टालिन और चंद्रबाबू नायडू को मंच पर दिखे।
गिले-शिकवे मिटा कमलनाथ से मिले शिवराज
मध्यप्रदेश के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया का हाथ थामकर कमलनाथ ने यह मिसाल पेश की कि सारे गिले व शिकवा-शिकायतें चुनाव के साथ ही खत्म कर दिए।
कांग्रेस ने महागठबंधन मे जमाया अपना सिक्का
तीन हिंदी राज्यों में सरकार बनाकर कांग्रेस ने महागठबंधन में भी एक घोषित लीडर के बतौर अपना सिक्का जमा दिया है। इसका सीधा असर 209 के चुनावों में देखने को मिलेगा। पहले जहां विपक्षी पार्टियों कांग्रेस को किनारे कर रही थी। अब सभी उसके साथ खड़ी नजर आ रही हैं।
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