MP By Election: 12 फीसदी मतदाता तय करेंगे किसकी रहेगी सरकार, 10 राज्यों के कुल वोटर्स से ज्यादा
भोपाल। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Madhya Pradesh By Elections) के लिए 7 नवम्बर को वोट डाले जाएंगे। इन चुनावों में राज्य के 64.20 लाख मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे। वैसे तो ये मतदाता राज्य की कुल वोटर्स का 12.60 प्रतिशत ही हैं लेकिन 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में ये 12 प्रतिशत ही वर्तमान शिवराज सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे। वैसे जितने मतदाता इस उपचुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, देश में दस राज्य ऐसे भी हैं जहां के कुल वोटर्स भी इतने नहीं हैं।
12 प्रतिशत मतदाता डालेंगे अपना वोट
मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के खेल में खाली हुई 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें 25 सीटें ऐसी हैं जो कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने की वजह से खाली हुई हैं जबकि तीन सीटें विधायकों के निधन से खाली हुई हैं। प्रदेश में कुल 5 करोड़ 9 लाख मतदाता हैं। इनमें से 12.60 प्रतिशत मतदाता इस चुनाव में सरकार बनाने के लिए वोट डालेंगे। यानि करीब 64 लाख मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनने वाले हैं। वैसे तो 12 फीसदी संख्या कम लगती है लेकिन जब संख्या के मामले में देखा जाये तो ये देश के दस राज्यों में मतदाताओं की संख्या से ज्यादा है। यानि कि भले ही ये उपचुनाव है कि पर मतदाताओं के हिसाब से देखें तो कई राज्यों के विधानसभा चुनाव के बराबर या उससे अधिक ही मतदाता इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
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10 राज्य जहां के कुल वोटर से ज्यादा उपचुनाव में करेंगे वोट
इनमें से अधिकांश राज्य पूर्वोत्तर भारत के हैं। वोटर्स कम होने के बावजूद इन राज्यों में सीटों की संख्या ज्यादा है। जैसे हिमाचल प्रदेश 50 लाख मतदाता हैं जबकि 68 सीट हैं तो त्रिपुरा में 25 लाख मतदाता पर 60 सीट हैं। मणिपुर में 40 सीटों के लिए 19 लाख मतदाता हैं तो मेघालय में 60 सीट हैं जबकि मतदाता 18 लाख ही हैं। वहीं नागालैण्ड में 11 लाख सीट पर 60 मतदाता हैं। अन्य राज्यों में गोवा 11 लाख मतदाता-40 सीट, अरुणाचल 8 लाख वोटर-60 सीट, सिक्किम 4 लाख वोटर-32 सीट, मिजोरम 7 लाख मतदाता-40 सीट जबकि पुडुचेरी 9 लाख वोटर-30 सीट हैं। (वोटर्स की संख्या राउंड फिगर में)
उपचुनाव तय करेंगे किसकी रहेगी सरकार
मध्य प्रदेश के उपचुनाव इस मायने में अहम हैं क्योंकि इन सीटों पर जीत का समीकरण ये तय करेगा कि प्रदेश में वर्तमान शिवराज सरकार रहेगी या नई सरकार बनेगी। बता दें कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर ही भरोसा जताया है। कमलनाथ जहां वापसी के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं वहीं भाजपा भी एक-एक सीट पर समीकरण सेट करने में लगी है। 28 में से 25 सीटों पर भाजपा ने उन नेताओं को प्रत्याशी बनाया है जो कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे लेकिन बाद में भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
मध्य प्रदेश में सरकार बनाने का ये है गणित
मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं जिनमें से 28 सीट खाली हैं। यानि कि 202 सीट वाली विधानसभा में शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के पास 107 विधायक हैं जो कि बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है। वहीं कांग्रेस के बाद 88 विधायक हैं। वहीं 28 सीटों पर चुनाव नतीजों के बाद विधानसभा में सीटों की संख्या पूरी हो जाएगी। तब बहुमत के लिए 116 विधायक चाहिए होंगे। यानि के भाजपा को बहुमत के लिए 9 सीटों पर जीत जरूरी है वहीं कांग्रेस को बहुमत में आने के लिए सभी 28 सीटों पर जीतना जरूरी होगा। वर्तमान में भाजपा को 7 अन्य विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है ऐसे में पलड़ा अभी भाजपा का भारी दिख रहा है लेकिन असल तस्वीर चुनाव नतीजे आने के बाद ही साफ होगी।
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