डॉक्टरों ने नाबालिग को बताया मृत, पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाते वक्त हुआ जिंदा
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के जबलपुर में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है जहां उन्होंने 16 साल के नाबालिग को जिंदा रहते हुए भी मृत घोषित कर दिया। ये मामला जबलपुर की गौर पुलिस चौकी के तहत का है। बताया जा रहा है कि मारपीट में घायल युवक को जिला अस्पताल विक्टोरिया में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने अनुराग नाम के नाबालिग को मृत घोषित कर दिया।
मारपीट में घायल हुआ था युवक
तिलहरी में नगर निगम द्वारा बनाए गए आवास में रहने वाली सविता का अपने मकान मालिक के साथ पैसे को लेकर विवाद हो गया था, जिसके बाद सविता की मीना और वर्षा नाम की महिलाओं ने पिटाई कर दी। मां को पिटता देख 16 साल का बेटा अनुराग बीच में आया और उसने महिलाओं को धक्का देकर गिरा दिया। इसके बाद उन महिलाओं ने घरवालों के साथ मिलकर अनुराग की पिटाई कर उसे अधमरा कर दिया था।
अनुराग को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया
जब अस्पताल में भर्ती अनुराग को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, परिजन गौर पुलिस चौकी का घेराव कर मारपीट करने की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। परिजनों की मांग पर पुलिस ने मारपीट की आरोपी दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। दूसरी तरफ, पुलिस अनुराग की मौत की खबर मिलने के बाद उसका पंचनामा कर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की तैयारी में जुट गई। थाना प्रभारी ने मीडिया को दिए गए बयान में नाबालिग को मृत बता दिया, लेकिन तभी परिजनों ने पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाए जा रहे अनुराग की धड़कनें सुनीं।
अब निजी अस्पताल में चल रहा है नाबालिग का इलाज
इसके बाद परिजन उसे आनन-फानन में एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां नाबालिग का इलाज हो रहा है। नाबालिग के जीवित होने की खबर मिलने ही पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण अनुराग को मृत घोषित कर दिया गया और पुलिस ने भी बिना किसी जांच के नाबालिग को मृत मान लिया था। इस घटना की अब नए सिरे से जांच की जा रही है। जबकि इस मामले में विक्टोरिया अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं।