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मध्‍य प्रदेश: 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार बचाने के लिए ये है सीएम कमलनाथ का 'मास्टर प्लान'

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नई दिल्‍ली। ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मे जाने से मध्‍य प्रदेश में जो सियासी संकट पैदा हुआ है, कांग्रेस और मुख्‍यमंत्री कमलनाथ उससे छुटकारा पाने के लिए कई तरह की जुगत लगा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो विधानसभा अध्‍यक्ष की तरफ से पार्टी के 22 में से 21 इस्‍तीफों को अस्‍वीकार करने का मन बनाया जा चुका है। आपको बता दें कि मंगलवार को सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी को 18 साल बाद छोड़ दिया है। उनके साथ पार्टी के 22 विधायकों की तरफ से भी पार्टी छोड़ने का मन बनाया गया और फिर इन विधायकों की तरफ से भ्री इस्‍तीफा दिया गया।

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तकनीकी खामी से बचेंगे विधायक!

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जो तर्क इसके लिए दिया जा रहा है उसके मुताबिक सिर्फ एक विधायक बिजेंद्र सिंह यादव ने अपने इस्‍तीफे में विधानसभा लिखा है। बाकी सभी विधायकों ने बस सभा लिखा है। यादव, अशोक नगर से विधायक हैं। अधिकारियों की तरफ से भी इस तकनीकी खामी को स्‍वीकारा गया है। उनकी माने तो इस आधार पर इस्‍तीफा अस्‍वीकार किया जा सकता है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि कुछ विधायकों ने इस्‍तीफे बस ई-मेल कर दिए हैं। अधिकारियों की मानें तो विधायकों को व्‍यक्तिगत तौर पर इस्‍तीफा देना होगा और ई-मेल से भेजे गए इस्‍तीफे शायद अमान्‍य हो सकता है।

छह को अयोग्‍य ठहराने की मांग

छह को अयोग्‍य ठहराने की मांग

मध्‍य प्रदेश की कांग्रेस यूनिट की तरफ से विधानसभा अध्‍यक्ष के सामने बुधवार को एक याचिका पेश की गई है। इसमें अनुरोध किया गया है कि 22 विधायकों में से छह को अयोग्‍य ठहरा दिया जाए। मध्‍य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्‍ता जेपी धनोपिया ने कहा है कि ये सभी छह विधायक कमलनाथ की सरकार में मंत्री भी हैं और इन्‍होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों में भी हिस्‍सा लिया है। इस्‍तीफा देने वाले मंत्री और विधायकों को अभी बेंगलुरु स्थित एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है। इन लोगों ने अपने इस्‍तीफे विधानसभा अध्‍यक्ष को ई-मेल किए हैं। इसके बाद बीजेपी के विधायक भूपेंद्र सिंह बेंगलुरु से इस्‍तीफे की कॉपी को लेकर भोपाल पहुंचे और विधानसभा अध्‍यक्ष एनपी प्रजापति को इन्‍हें सौंपा।

विधायकों के संपर्क में कमलनाथ

विधायकों के संपर्क में कमलनाथ

इस्‍तीफों को राज्‍यपाल लालजी टंडन के पास भी भेज दिया गया है। सीएम कमलनाथ ने इंग्लिश डेली इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा कि उन्‍हें उम्‍मीद है कांग्रेस पार्टी राज्‍य में अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहेगी। विधानसभा का सत्र 15 मार्च से शुरू हो रहा है और कमलनाथ ने आशा जताई है कि पार्टी आसानी से फ्लोर टेस्‍ट के तहत बहुमत साबित करने में सफल रहेगी। जब उनसे पूछा गया कि वह किस आधार पर उम्‍मीद कर रहे हैं और क्‍या वह 22 विधायकों के संपर्क में है? इस पर उनका जवाब था, 'हम विधायकों के संपर्क में हैं। सभी लोग किसी न किसी से बात कर रहा है और इसी आधार पर यह बात मैं कह सकता हूं।'

विधायक भोपाल में क्‍यों नहीं

विधायक भोपाल में क्‍यों नहीं

उन्‍होंने आगे कहा, 'मीडिया को यह बात समझ में क्‍यों नहीं आ रही है कि अगर कांग्रेस के विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्‍तीफा दिया है तो फिर वे सभी भोपाल में क्‍यों नहीं हैं? उन्‍हें भोपाल आकर व्‍यक्तिगत तौर पर इस्‍तीफा देने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? अगर उन्‍हें बंदी बनाकर नहीं रखा गया है तो फिर उन सभी को यहां पर होना चाहिए।'

English summary
Madhya Praadesh crisis: What CM Kamal Nath is doing to save his govt apart from rejecting resignations of MLAs.
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