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Lok sabha elections 2019: मधेपुरा गोप का ही रहा... लेकिन ना पप्पू यादव को मिला ना शरद को

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पटना। बिहार की मधेपुरा सीट राज्य की सबसे चर्चित सीटों में से एक थी, क्योंकि यहां से महागठबंधन ने कद्दावर नेता शरद यादव चुनावी मैदान में थे। इतना ही नहीं यहां से बाहुबली नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ताल ठोक रहे थे। मधेपुरा के बारे में एक कहावत है कि, रोम पोप का और मधेपुरा गोप का......यादव बहुल मानी जाने वाली इस सीट ने इस बार भी यादव को ही चुना लेकिन वह इन दोनों में से कोई नहीं था। यहां से जेडीयू के उम्मीदवार दिनेश चंद्र यादव ने इन दोनों महारथियों को हार कर इस सीट पर कब्जा जमाया है। वे एक लाख से अधिक वोटों से जीते।

 पप्पू यादव और शरद यादव की हार का कारण बने दिनेश चंद्र यादव

पप्पू यादव और शरद यादव की हार का कारण बने दिनेश चंद्र यादव

मधेपुरा सीट से 2014 के लोकसभा चुनावों में पप्पू ने शरद को लगभग 56 हजार वोटों के अंतर से मात दी थी। उन चुनावों में पप्पू को 3,68,937 वोट मिले थे जबकि शरद पर 3,12,728 लोगों ने भरोसा जताया था। वहीं 2009 के चुनाव में शरद यादव ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार मोदी लहर में पप्पू यादव और शरद यादव दोनों ही प्रत्याशी हार गए। इनकी हार का कारण बने दिनेश चंद्र यादव।

 शरद यादव पूरा चुनाव तेजस्वी के दम पर लड़ रहे थे

शरद यादव पूरा चुनाव तेजस्वी के दम पर लड़ रहे थे

बता दें कि दिनेश चंद्र मौजूदा चुनाव से पहले तक दिनेशचंद्र यादव शरद यादव के चुनावी अभियान की कमान संभालते थे। लेकिन जेडीयू से अलग होने के बाद शरद यादव इस सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। जेडीयू में शरद यादव की काट में दिनेश चंद्र को इस सीट से टिकट देकर मैदान में उतार दिया। यहीं उनके लिए हार का सबसे बड़ा कारण बनी। क्योंकि शरद यादव के प्रचार अभियान को मजबूती से संभालने वाला कोई नहीं था। शरद यादव पूरा चुनाव तेजस्वी के दम पर लड़ रहे थे। जिसके चलते वह लोगों तक अपनी पहुंच नहीं बना पाए।

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एक दूसरे के विरोध का फायदा उठा ले गए दिनेश चंद्र

एक दूसरे के विरोध का फायदा उठा ले गए दिनेश चंद्र

मधेपुरा की जनता ने दिल्ली में रहकर राष्ट्रीय राजनीति करने वाले शरद यादव की जगह क्षेत्र में रहकर कर लोगों के बीच रहकर काम करने वाले दिनेश चंद्र यादव को चुना। यही नहीं एनडीए विरोधी वोट के लिए पप्पू यादव और शरद यादव एक दूसरे के खिलाफ लड़ते रहे। इसी विरोधी वोट के बिखराव का फायदा दिनेशचंद्र को मिला और वे इस सीट पर अपना कब्जा जमाने में सफल रहे। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इस सीट पर 10 दिनों तक प्रचार किया था।

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English summary
madhepura lok sabha seat jdu dinesh chandra yadav sharad yadav pappu yadav
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