जम्मू कश्मीर: अमरनाथ यात्रा के बाद किश्तवाड़ में हर वर्ष होने वाली माछिल यात्रा पर भी रोक
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा के बाद अब एक और तीर्थयात्रा को जम्मू कश्मीर में सस्पेंड कर दिया गया है। किश्तवाड़ जिले में मां दुर्गा के मंदिर तक होने वाली माछिल यात्रा भी सुरक्षा कारणों से सस्पेंड कर दी गई है। किश्तवाड़ के डीएम अंग्रेज सिंह राणा ने इस बात की जानकारी दी है। किश्तवाड़ जम्मू जिले में आता है और माछिल यात्रा सावन के माह में सबसे पवित्र मानी जाती है। हर वर्ष श्रद्धालु किश्तवाड़ के माछिल में स्थित माछिल माता के दर्शन के लिए जाते हैं। इस मंदिर में मां दुर्गा की आराधना होती है। इस मंदिर को माछिल माता स्थान भी कहते हैं।
क्या है माछिल माता मंदिर
जिस जगह पर माछिल माता मंदिर है वहां पर भोत समुदाय के अलावा ठाकुर समुदाय के लोग रहते हैं। इस जगह को महाराजा रणबीर सिंह ने किश्तवाड़ में मिला दियाथा। हजारों लोग खासतौर पर जम्मू से इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। हर साल सिर्फ अगस्त में ही इस मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां पर मूर्तियां और पिंडी है जिसे चंदिका कहा जाताहै। कहते हैं मंदिर में देवियों को जो गहने पहनाए गए हैं वे अपने आप ही हिलते हैं। कई बार तीर्थयात्रियों ने यहां पर कई ऐसी चीजें महसूस की हैं जिन्हें सुपरनैचुरल कहा जाता है।
पर्यटकों से वापस लौटने की अपील
शुक्रवार को सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रा के सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को कश्मीर से जल्द से जल्द चले जाने को कहा है। सरकार का कहना है कि यह फैसला घाटी में आतंकी खतरों की आशंका के चलते उठाया गया है। सरकार के मुताबिक यात्री और पर्यटक जितनी जल्दी हो सके घाटी से वापस चले जाएं। सरकार की मानें तो आतंकी अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। खराब मौसम के चलते पहले ही चार अगस्त तक अमरनाथ यात्रा स्थगित है।
सभी विभागों को भेजी गई चिट्ठी
जो चिट्ठी सरकार की तरफ से जारी हुई है उस पर गृह विभाग के मुख्य सचिव के साइन हैं। इस चिट्ठी को जम्मू कश्मीर के डीजीपी के अलावा वित्त आयुक्त और पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव समेत सभी बड़े विभाग के मुखिया को भेजा गया है। सेना ने भी जानकारी दी है कि अमरनाथ यात्रा के रास्ते पर उन्हें बारूदी सुरंगे मिली हैं। शुक्रवार को चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने मीडिया को कश्मीर के हालातों पर जानकारी दी।