आलोक वर्मा की छुट्टी, एम नागेश्वर राव बने रहेंगे अंतरिम निदेशक
नई दिल्ली। आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ के पद से हटा दिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृ्त्व में हुई सेलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। बैठक में पीएम मोदी लोकसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी शामिल थे। आलोक वर्मा को पद से हाटए जाने के बाद केंद्र सरकार ने कहा है कि जब तक सीबीआई के नए चीफ की नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक या फिर अलगे आदेशों तक सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक, एम नागेश्वर राव सीबीआई की जिम्मेदारी संभालेंगे।
बता दें कि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आलोक वर्मा ने सीबीआई चीफ का पदभार संभाला था। लेकिन अब सेलेक्शन कमेटी की बैठक में हुए फैसले के बाद उनको हटा दिया गया है। सूत्रों की माने तो इस बैठक में आलोक वर्मा को हटाए जाने पर एकराय नहीं थी। मल्लिकार्जुन खड़गे आलोक वर्मा को हटाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन बाकी दो सदस्य पीएम नरेंद्र मोदी और जस्टिस सिकरी ने सहमति जताई है। आलोक वर्मा को अब फायर सर्विस, सिविल डिफेंस और होमगार्ड का डीजी बना दिया गया है।
Government of India: CBI Additional Director, M. Nageshwar Rao will look after the duties of the Director, CBI till the appointment of a new Director, or until
— ANI (@ANI) January 10, 2019
further orders. pic.twitter.com/VezmuMBxt1
अधिकारियों की माने तो 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक वर्मा को भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोप में सीबीआई चीफ के पद से हटाया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मोइन कुरैशी मामले में सीवीसी को जांच को प्रभावित करने के सबूत मिले हैं। साथ-साथ रिश्वत के भी सबूत हैं। सीवीसी ने कहा है कि मामले में आलोक वर्मा का आचरण संदेहास्पद है और उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मुकदमा चल रहा है।
Sources: In the IRCTC case, CVC felt it can be reasonably concluded that Alok Verma deliberately excluded a name from FIR, for reasons best known to him.The CVC found evidence against him in several other cases as well. CVC also found instances of wilful non-production of record,
— ANI (@ANI) January 10, 2019
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