हिंदू-विरोधी नहीं है डीएमके (DMK)- एम के स्टालिन
नई दिल्ली- डीएमके (DMK)अध्यक्ष और एम करुणानिधि के बेटे एम के स्टालिन ने कहा है कि पार्टी के हिंदू-विरोधी होने को लेकर झूठा प्रोपेगेंडा खड़ा किया गया है। डीएमके के किसी नेता को शायद पहली बार तमिलनाडु (Tamilnadu) की एक चुनावी रैली में सामने आकर सार्वजनिक रूप से यह कहना पड़ा है कि उनकी पार्टी हिंदुओं के खिलाफ नहीं है।
'हिंदू-विरोधी नहीं है डीएमके'
डीएमके नेता एम के स्टालिन ने कहा है कि उनकी पार्टी हिंदू-विरोधी पार्टी नहीं है। उन्होंने बीजेपी पर डीएमके के खिलाफ इस तरह का प्रोपेगेंडा खड़ा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल पूछा कि "अगर पार्टी हिंदू-विरोधी होती तो डीएमके में बच कौन जाता?" उन्होंने बीजेपी पर खुद को हिंदुओं का एकमात्र ठेकेदार समझने का आरोप भी लगाया है। स्टालिन ने कहा कि डीएमके किसी भी धर्म या जाति के खिलाफ नहीं रही है और उसका मकसद सिर्फ सामाजिक सौहार्द की रक्षा करने का रहा है।
स्टालिन को ऐसा बयान क्यों देना पड़ा?
गौरतलब है कि द्रविड़ सामाजिक आंदोलन डी के (DK)के नेता के वीरामनी ने हाल ही में हिंदुओं के किसी देवता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद उनके खिलाफ पुलिस को शिकायत दर्ज करनी पड़ी। ये संगठन मौजूदा चुनाव में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को समर्थन दे रहा है।
गौरतलब है कि वीरामनी विवाद के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज खूब वायरल हो रहा था, जिसमें स्टालिन ने एक मुस्लिम विवाह में शामिल होने के दौरान कथित तौर पर हिंदू विवाह को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। माना जा रहा है कि चुनाव के मद्देनजर स्टालिन को इसी वजह से इस तरह से सामने आकर खुद को हिंदू-विरोधी नहीं होने की दलीलें देनी पड़ रही हैं।
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