21 सितंबर के बाद इसरो कभी 'विक्रम लैंडर' से नहीं कर पाएगा संपर्क, जानिए क्यों ?
नई दिल्ली। चंद्रयान 2 के लैंडर से संपर्क टूटे छह दिन बीत चुके हैं। इसरो लगातार विक्रम लैंडर से संपर्क करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। अब इस अभियान में दुनिया का सबसे बड़ा स्पेस रिसर्च संगठन 'नासा' भी जुट गया है। इस बीच बड़ी खबर यह आ रही है कि, इसरो 21 सितंबर तक ही 'लैंडर विक्रम' से संपर्क साधने की कोशिश कर सकता है। क्योंकि चांद पर जल्द ही लूनर नाइट शुरू हो जाएगी। ऐसे में इस मिशन को आगे बढ़ा काफी मुश्किल होगा।
इसरो ने विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने की डेडलाइन 21 सितंबर तक रखी
विक्रम लैंडर से संपर्क करने के लिए इसरो के बाद बहुत कम समय बचा है। क्योंकि, 21 सितंबर के बाद चांद पर लूनर नाइट शुरू हो जाएगी। चांद की एक लूनर नाइट या एक लूनर डे पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। इसरो द्वारा भेजा गया विक्रम लैंडर सोलर पावर से चलता है। लूनर नाइट शुरू होते ही वह सो जाएगा। जिसके बाद फिर से उसे कभी नहीं जागाया जा सकता है। इसलिए इसरो ने विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने की डेडलाइन 21 सितंबर तक रखी है।
वैज्ञानिकों के पास सिर्फ10दिनों का समय और बचा
इस मिशन को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों के पास सिर्फ10दिनों का समय और बचा है। इसके बाद चांद पर 'लूनर नाइट' की शुरुआत हो जाएगी, जिससे वहां के हालात एकदम से बदल जाएंगे क्योंकि चांद की सतह बहुत ज्यादा ठंडी है। साउथ पोल में तो तापमान माइनस में पहुंच जाता है, ऐसे में अब लैंडर विक्रम को माइनस 200 डिग्री की मार पड़ेगी। जिसके बाद शायद ही विक्रम लैंडर काम करने की स्थिति में रह पाएगा।
विक्रम लैंडर 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरा था
विक्रम लैंडर 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरा था। हालांकि इसरो के आधिकारिक बयानों में कहा गया है कि लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन नई रिपोर्टें यह बताती हैं कि इसकी उम्मीद बहुत ही कम है। एक आंतरिक बैठक में इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने लैंडर पर काम करने वाली टीमों को अपनी अगली परियोजनाओं पर काम करने की सलाह दी है।
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