लुधियाना के शेल्टर होम में बिहार-झारखंड से नाबालिगों को लाकर बनाया जाता था ईसाई, 30 बच्चे अभी भी लापता
लुधियाना। मुजफ्फरपुर और देवरिया शेल्टर होम केस का मामला अभी थमा नहीं हैं कि पंजाब के लुधियाना स्थित शेल्टर होम में 38 नाबालिगों को अवैध रूप से लाकर उनकी तस्करी और धर्म परिवर्तन कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने शेल्टर होम के मालिक सत्येंद्र प्रकाश मूसा को गिरफ्तार कर लिया है। मूसा पर आरोप है कि उसके पास जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत शेल्टर होम का रजिस्ट्रेशन भी नहीं था। जबकि बताया जा रहा है कि वहां से 30 बच्चे अभी भी गायब हैं।
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बिहार-झारखंड से लाया गया नाबालिगों को
सत्येंद्र प्रकाश मुसा (58) फुल्लनवाल में पाकसिन मैरी क्रॉस चाइल्ड शेल्टर होम चला रहा था। झारखंड पुलिस ने मंगलवार को तस्करी और धर्म परिवर्तन के आरोप में मूसा को गिरफ्तार किया है। इस मामले के सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। मूसा पर आरोप है कि वो झारखंड और बिहार से तस्करी करके 38 नाबालिगों को लुधियाना लाया था और वहां उनका धर्म परिवर्तन कर ईसाई बना दिया। इन 38 नाबालिगों में अधिकतर आदिवासी हैं। पुलिस अभी जांच कर रही है कि कितनों का धर्म परिवर्तन कराया गया है।
38 नाबालिगों को अवैध रूप से रखा गया था
बिहार झारखंड से लाए गए 38 नाबालिग लुधियाना के फुल्लनवाल शेल्टर होम में रह रहे थे। पुलिस की छापेमारी के बाद वहां, 4 झारखंड के जबकि 4 बिहार से लाए गए नाबालिग पाए गए वहीं, अभी भी 30 नाबालिगों का कुछ पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि सभी झारखंड से लाए गए सभी 34 नाबालिग चाईबासा के अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं।
30 नाबालिग अभी भी लापता
जबकि शेल्टर होम संचालक मूसा ने पूछताछ के दौरान बताया कि झारखंड से लाए गए सभी नाबालिगों के उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस अभी उन परिजनों से संपर्क कर रही है। झारखंड पुलिस की शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन ने छापेमारी के बाद शेल्टर होम को सील कर दिया गया था औऱ 8 नाबालिगों को दोराहा के सरकार द्वारा पंजीकृत शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया था।
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