लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को काला झंडा दिखाना पड़ा महंगा
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी के लखनऊ दौरे के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को काला झंडा दिखाना महंगा पड़ा है। रूपानी के दौरे के एक हफ्ते बाद काला झंडा दिखाने वाले छात्रों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की है। विश्वविद्यालय की ओर से तमाम छात्रों को नोटिस जारी किया गया है, जिसमे कहा गया है कि छात्रों की इस हरकत ने ना सिर्फ संस्थान में शांति के माहौल को बिगाड़ा है बल्कि विश्वविद्यालय की छवि को भी खराब किया है।
विजय रूपानी को जिन 7 छात्रों ने काला झंडा दिखाया था उसमे से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन छात्रों ने 15 अक्टूबर को विजय रूपानी के काफिले को काला झंडा दिखाया था। छात्रों ने गुजरात में यूपी और बिहार के लोगों पर हो रहे हमले के खिलाफ मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाया था। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि छात्र कैंपस में भय और आतंक का माहौल बना रहे हैं। जिन छात्रों को नोटिस जारी किया गया है वह बीए प्रथम वर्ष के अमित यादव, एम ए प्रथम वर्ष के अनुराग पाल, एमए प्रथम वर्ष के महेंद्र यादव हैं। ये सभी छात्र समाजवादी पार्टी की स्टूडेंट विंग के भी सदस्य हैं।
वहीं प्रशासन की कार्रवाई के बाद महेंद्र यादव ने कहा कि हमपर गलत कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि हम गुजरात में यूपी के लोगों पर हो रहे हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। महेंद्र यादव ने पिछले वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी काला झंडा दिखाया था, जिसकी वजह से उन्हें एक माह तक जेल में रहना पड़ा था। छात्रों को जो नोटिस जारी किया गया है उसमे कहा गया है कि अगर वह नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो उनके दाखिले को रद्द कर दिया जाएगा।
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