आधी रात को विवेक तिवारी हत्याकांड का हुआ नाट्य रूपांतरण, दोनों आरोपी सिपाही भी थे साथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में एप्पल कंपनी के मैनेजर विवेक तिवारी की जिस तरस से चेकिंग के नाम पर गोली मार कर हत्या कर दी गई, उसके बाद लगातार इस मामले की जांच चल रही है। एक बार फिर इस पूरी घटना का फिर से नाट्य रूपांतरण किया गया। स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम ने देर रात तकरीबन 1.30 बजे इस पूरी घटना को फिर से उसी घटनास्थल पर दोहराया, जहां इसे घटना की रात अंजाम दिया गया था। इस दौरान दोनों आरोपी पुलिस वाले भी मौजूद थे।
दोनों सिपाही मौके पर मौजूद थे
मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने इस पूरी घटना का नाट्य रूपांतरण देर रात करके इस बात की जानने की कोशिश की कि आखिर किस तरह से इस घटना को अंजाम दिया गया। इस दौरान दोनों आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप राणा मौजूद थे। साथ में फॉरेंसिक टीम भी मौके पर एसआईटी के साथ थी। आपको बता दें कुछ दिन पहले दोनों ही आरोपी सिपाहियों ने विवेक तिवारी की देर रात गोली मारकर हत्या कर दी थी।
बयानों में विरोधाभाष
आपको बता दें कि इस मामले में मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी के बयानों में भी विरोधाभास सामने आया है। प्रशांत चौधरी ने पहले बताया कि उसने सेल्फ डिफेंस में विवेक तिवारी के ऊपर गोली चलाई लेकिन बाद में कहा कि उसने केवल चेतावनी देने के लिए अपनी पिस्टल निकाली और गलती से उससे गोली चल गई। वहीं, दूसरे आरोपी संदीप कुमार का कहना है कि उसने प्रशांत को गाड़ी के पास जाने और पिस्टल निकालने से रोका था। संदीप ने यह भी बताया कि घटना में इस्तेमाल किया डंडा उसने घटनास्थल पर ही फेंक दिया था, जिसे वह बरामद करा सकता है।
अनसुलझी गुत्थी
इस मामले में अभी यह सवाल भी अनसुलझा है कि आखिर गोली कहां खड़े होकर चलाई गई। विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि उसे गोली करीब 8-9 फीट की दूरी से मारी गई है। इसका सीधा मतलब ये है कि आरोपी सिपाही ने विंड स्क्रीन से बिल्कुल सटाकर गोली मारी, क्योंकि एसयूवी के बोनट की दूरी (4 फीट) और विंड स्क्रीन से ड्राइवर सीट की दूरी (4 फीट) करीब इतनी ही होती है।। जबकि, सना का कहना है कि प्रशांत ने गाड़ी से करीब 8-9 फीट दूर खड़े होकर चलाई। ऐसे में कुल दूरी करीब 17-18 फीट बैठती है तो आखिर सच क्या है?
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