दूल्हा बनने के लिए देनी पड़ी परीक्षा, 250 में से 219 फेल
लखनऊ। अभी तक आपने शादी के लिए साक्षात्कार के बारे में तो सुना था लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक परीक्षा परिणा घोषित किया गया है जिसमें दूल्हे बैठे थे। दरअसल लखनऊ के राजकीय पाश्चात्यवर्ती देखरेख संगठन में रहने वाले युवतियों से शादी के लिए आवेदन मांगे गए थे। जिसके बाद 250 दुल्हों ने आवेदन किया। इसके बाद जिला प्रशासन ने सभी युवाओं की परीक्षा ली गई और साक्षात्कार देने पड़े थे। जिसमें से 219 युवा फेल हो गए।
पास होने वाले 31 युवाओं को शादी के लिए चुना गया
परीक्षा और साक्षात्कार में पास हुए 31 युवाओं को शादी के लिए चुन लिया गया है। संगठन की अधीक्षिका मंजू वर्मा ने कहा कि 250 युवाओं में से 31 ने परीक्षा पास की है जिसके बाद जिला प्रशासन और एलआईयू की जांच के बाद सभी को शादी के योग्य पाया गया है। अब इन दुल्हे की बारात इसी नवरात्रि में निकलेगी। 15 अक्टूबर को महानगर के कल्याण मंडप में सभी 31 युवतियां सभी चुने गए युवकों के साथ शादी के बंधन में बधेंगी। जिला प्रशासन 10 अक्टूबर से शादी की तैयारियां शुरू हो जाएंगी।
शादी में क्या मिलेगा ये भी जान लें
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया है कि सामूहिक शादी के लिए अनुदान की व्यवस्था की जा रही है। जिसमें शादी के लिए सभी युवतियों को 20 हजार रुपए की रकम दी जाएगी जो कि सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके अलावा 10 हजार रुपए की कीमत का घरेलू सामना दिया जाएगा। पांच हजार रुपए शादी समारोह पर खर्च होंगे। हालांकि ऐसी शादियां पहले भी होती आई हैं लेकिन यहां दुल्हों का चयन बिल्कुल अलग तरीके से किया गया है।
बेसहार युवतियों का सहारा
बता दें कि लखनऊ के मोतीनगर स्थित राजकीय पाश्चात्यवर्ती देखरेख संगठन में बेसहारा लड़कियों को शरण दिया जाता है। लेकिन उनकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए। इसके साथ-साथ राजकीय बालिका गृह में रहने वाली उन लड़कियों को भी यहां पर भेज दिया जाता है जिनकी उम्र 18 साल से ज्यादा होती है। इसके बाद फिर इनके शिक्षा दिक्षा और फिर शादी के लिए आवेदन मंगाए जाते हैं।