खुफिया एजेंसियों के बिना सफल नहीं हो सकता सेना का कोई भी ऑपरेशन: लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे
नई दिल्ली। वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और नए सेना प्रमुख के रूप में नामित किए गए लेफ्टिनेंट जनरल मनोज नरवणे ने शनिवार को कहा कि कोई भी सेना खुफिया एजेंसी के बिना जंग नहीं जीत सकती है। एक पुस्तक लॉन्च के कार्यक्रम में पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल मनोज नरवणे ने कहा कि सैन्य अभियान और खुफिया एजेंसियों का अपस में गहरा संबंध है, जब भी हमें किसी अभियान को शुरू करना होता है तो हमें दुश्मन की जानकारी होना आवश्यक होता है। खुफिया तंत्रों से ही हमें यह जानकारी प्राप्त होती है।
लेफ्टिनेंट जनरल ने आगे कहा कि, मैं दावा कर सकता हूं कि हमारा कोई भी ऑपरेशन बिना खुफिया एजेंसियों के योगदान से सफल नहीं हो सकता है। हमें 'रॉ' जैसी विभिन्न खुफिया एजेंसियों से जानकारी प्राप्त होती है जो हमें ऑपरेशन से पहले ही दुश्मन के बारे में आधे से अधिक जानकारी दे देती है। मनोज नरवने ने आगे कहा कि भारतीय सेना देश की सुरक्षा में अपने योगदान के लिए खुफिया एजेंसियों पर निर्भर है।
जनरल नरवाणे ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, आप यह सोच रहे होंगे कि वर्दी में बैठा एक व्यक्ति बुद्धिमत्ता के विषय पर एक पुस्तक के लॉन्च पर क्या कर रहा है। उन्होंने बताया कि सैन्य संचालन और खुफिया एजेंसिया एक साथ चलती हैं। जब भी हमें अपने ऑपरेशन की शुरूआत करते तो सबसे पहले दुश्मन के बारे में खबर की जरूरत होती है और वह जानकारी खुफिया एजेंसिया हमें देती हैं। जनरल नरवाणे आगे बताते हैं कि जब हम खुफिया एजेंसियों के बारे बात करते हैं या सोचते हैं तो हमारे दिमाग में जेम्स बॉन्ड, बंदूक, लड़कियां, गिटार और ग्लैमर आता है। लेकिन खुफिया दुनिया ऐसी नहीं है, वह अनसुने, अनजाने और पर्दे के पीछे रह कर काम करते हैं।