सुधर रहे कश्मीर घाटी के हालात, मौजूदा वक्त में बचे 217 आतंकी, घुसपैठ भी 70 फीसदी कम
Lieutenant General BS Raju Interview: अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। इसके बाद से घाटी के हालात लगातार सुधर रहे हैं, हालांकि पाकिस्तान (Pakistan) अभी भी आतंकियों का साथ दे रहा है। साथ ही उसकी कोशिश कश्मीर घाटी में ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को भेजने की रहती है। पाक के नापाक मंसूबों को देखते हुए भारतीय सेना भी हमेशा सतर्क रहती है। जिस वजह से अब काफी हद तक घाटी में आतंकवाद पर लगाम लग गई है। इसके अलावा सेना घाटी के युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए भी कई बड़े कदम उठा रही है।
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए चिनार कोर ( Chinar Corps) के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि 2020 में आतंकवादियों की भर्ती काफी हद तक नियंत्रण में थी, खासकर 2018 की तुलना में। मौजूदा वक्त में घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या करीब 217 है, जो कि पिछले एक दशक में सबसे कम है। पड़ोसी देश के नापाक मंसूबों पर उन्होंने कहा कि ड्रोन और सुरंगों के जरिए पाकिस्तान ड्रग्स और हथियार भेजने की फिराक में रहता है। इसके लिए सेना की ओर से अंडरग्राउंड रडार समेत कई हाईटेक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल राजू के मुताबिक जब भी कोई मुठभेड़ होती है तो आतंकियों से संपर्क स्थापित किया जाता है। साथ ही सेना की कोशिश रहती है कि स्थानीय लोगों को कम से कम असुविधा हो। भारतीय सेना के जवान स्थानीय संस्कृति और धार्मिक संवेदनशीलता का पूरी तरह से सम्मान करने के लिए ट्रेंड हैं। उन्होंने कहा कि जब भी मुठभेड़ के दौरान पता चलता है कि आतंकी स्थानीय है, तो सेना उनको आत्मसमर्पण के लिए कहती है। अगर उनकी पहचान पता चलती है तो उनके परिवार वालों को भी मौके पर बुलाया जाता है, ताकी उसे समझाया जा सके। इतना सब होने के बाद भी आतंकी आत्मसमर्पण नहीं करते तो मजबूरन सेना को आगे की कार्रवाई करनी पड़ती है।
जम्मू-कश्मीर में 2019 के मुकाबले 2020 में 64 फीसदी कम हुई आतंकी घटनाएं- गृह मंत्रालय
छवि
खराब
करने
की
कोशिश
लेफ्टिनेंट
जनरल
राजू
ने
बताया
कि
घाटी
में
पाक
समर्थित
आतंकवादी
भीड़-भाड़
वाले
इलाकों
में
सुरक्षाबलों
और
नागरिकों
को
निशाना
बनाते
हैं।
उनका
मकसद
रहता
है
कि
जवान
तुरंत
कार्रवाई
करें,
ताकी
नागरिकों
को
नुकसान
पहुंचे।
इसी
की
आड़
में
वो
सुरक्षाबलों
की
छवि
खराब
करना
चाहते
हैं।
साथ
ही
सोशल
मीडिया
के
जरिए
अफवाहों
को
फैलाया
जाता
है,
लेकिन
हमारे
जवान
इलाके
के
पूरे
माहौल
को
देखते
हुए
ही
कार्रवाई
करते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
इस
साल
हम
पिछले
साल
की
तुलना
में
घुसपैठ
को
70%
से
कम
करने
में
कामयाब
रहे।
LoC
और
LAC
पर
पूरी
तरह
से
हालात
नियंत्रण
में
हैं।
साथ
ही
भारतीय
सेना
दोनों
जगहों
पर
हर
हालात
से
निपटने
में
पूरी
तरह
से
सक्षम
है।