जूली को वापस लाने लवगुरू प्रोफेसर मटुकनाथ पहुंचे सात समंदर पार, कोरोना भी नहीं रोक सका
नई दिल्ली। बुजुर्ग प्रोफेसर मटुकनाथ की प्रेम कहानी एक समय में काफी चर्चा का विषय बनी थी। तमाम न्यूज चैनल पर प्रोफेसर मटुकनाथ और उनकी शिष्या प्रेम के मर्म को समझाते थे और बताते थे कि प्रेम की कोई उम्र नहीं होती है और यह कभी भी हो सकता है। उस वक्त शायद ही किसी ने यह सोचा होगा कि प्रोफेसर मटुकनाथ की प्रेमिका जूली का ऐसा हाल होगा कि उन्हें अकेले एक खैराती के अस्पताल में एकांत जीवन जीते हुए जीवन की आखिरी सांस गिननी पड़ेगी। जी हां मटुकनाथ की प्रेमिका जूली त्रिनिदाद एंड टोबैगो के एक अस्पताल में बेहद खराब हाल में तस्वीरें सामने आई थी, जिसके बाद इस प्रेम कहानी पर सवाल खड़ा होने लगा था।
जूली को वापस लाएंगे
अपनी शिष्या जूली की इस हालत को देखने के बाद अब खुद प्रोफेसर मटुकनाथ उनके लिए सामने आए हैं। मटुकनाथ अब सात समंदर पार करके अपनी प्रेमिका जूली को वापस पटना लाने पहुंच गए हैं। जूली का संदेश सुनने के बाद मटुकनाथ त्रिनिदाद एंड टोबैगी के सेंटगस्टीन पहुंच गए हैं। वह यहां 7 मार्च को पहुंचे हैं और उनका कहना है कि वह जल्द ही जूली को पटना लेकर आएंगे और जल्द ही जूली पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाएंगी। मटुकनाथ ने कहा कि संन्यास का रास्ता गृहस्थ जीवन से होकर ही जाता है, लेकिन जूली बिना गृहस्थ आश्रम के संन्यास की ओर चल पड़ी थीं, जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और अब उन्होंने खुद मुझे संदेश भेजा है कि मैं उन्हें वापस लेकर आऊं।
जल्द स्वस्थ्य होंगी
प्रोफेसर मटुकनाथ ने बताया कि जूली की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने जूली को छोड़ा नहीं है, मेरे खिलाफ लोग इस तरह की खबरें चला रहे हैं कि मैंने जूली को छोड़ दिया है, लेकिन यह कतई सही नहीं है। जल्द ही ऐसे लोगों को जवाब मिल जाएगा, मैं बताना चाहता हूं कि जूली अब ठीक हैं और चल फिर रही हैं। उनका खानपान भी ठीक हो रहा है और जल्द ही पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर पटना लौटेंगी। मटुकनाथ ने बताया कि 2014 से ही जूली में वैराग्य भाव दिखने लगा था, मैंने उनके फैसले का सम्मान किया। मैंने उन्हें सलाह दी थी कि अगर वह चाहें तो वैराग्य जीवन जी सकती हैं। वह वृंदावन समेत तमाम स्थलों का दर्शन करने जाती थीं और मुझे फोन करती रहती थीं, लेकिन बाद में उनका फोन आना बंद हो गया। बाद में मुझे पता चला कि वह त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंच गई हैं।
30 साल छोटी जूली
अपने से 30 साल से अधिक उम्र के अपने ही प्रोफेसर को दिल बैठी जूली ने कभी बुजुर्ग मटुकनाथ के लिए अपना घर-परिवार सब छोड़ दिया था, सारे संसार से बेरुखी मोल ले ली, लेकिन उसे आज प्रेम का ये सिला मिला है कि वह हजारों मील दूर कैरेबियाई देश त्रिनिदाद के एक सरकारी अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार पड़ी थी। जूली की बीमार हालत में तस्वीर सामने आने के बाद मटुकनाथ पर सवाल खड़े होने लगे थे, लेकिन अब मटुकनाथ खुद जूली को वापस लाने त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंच गए हैं।
जूली-मटुकनाथ की प्रेम कहानी खूब मशहूर हुई थी
पटना की जूली और मटुकनाथ की प्रेम कहानी कभी पूरे देश में चर्चा में आई थी। 2006 की बात है जब पटना यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के प्रोफेसर मटुकनाथ अपने से तीन दशक छोटी छात्रा से प्रेम के सार्वजनिक इजहार की वजह से खूब सुर्खियां बटोर रहे थे। टीवी चैनलों पर जूली के साथ डिबेट में शामिल होकर टीआरपी बढ़ाने में मशगूल थे। तब जूली के लिए अपना बसा-बसाया परिवार छोड़ दिया था। शायद लवगुरु की बातों में आकर जूली ने भी अपने परिवार से मुंह मोड़ लिया। दोनों का सामाजिक तौर पर काफी विरोध भी हुआ। मटुकनाथ के चेहरे पर कालिख भी पोत दी गई। यूनिर्सिटी ने प्रोफेसर को निलंबित भी किया। लेकिन, दोनों एक-दूसरे का साथ छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए।
इसे भी पढ़ें- गर्लफ्रेंड की हत्या कर फ्रंट सीट पर रखी लाश, 45 मिनट तक शहर में घुमाता रहा कार