लव जिहाद: मुस्लिम लड़कों से उत्तर प्रदेश के सपा सांसद की अपील, हिंदू लड़कियों को 'अपनी बहन' मानें
नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून को लेकर जारी विवाद पर मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी सांसद एसटी हसन का बहुत बड़ा बयान आया है। उन्होंने मुस्लिम लड़कों से गुजारिश की है कि वह हिंदू लड़कियों को अपनी बहन समझें। सपा सांसद ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से 'लव जिहाद' को लेकर अध्यादेश लाने पर यह प्रतिक्रिया दी है। दो दिन पहले ही योगी सरकार ने प्रदेश में 'लव जिहाद' रोकने के लिए एक सख्त अध्यादेश पास किया है। उसके बाद से यह मसला देश में बड़ी बहस का मुद्दा बना हुआ है।
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मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने टाइम्स नाउ के एक सवाल के जवाब में यूपी सरकार के लव जिहाद अध्यादेश पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा है कि, 'लव जिहाद एक पॉलिटिकल स्टंट है। हमारे देश में लोगों को अपनी मर्जी से अपना पार्टनर चुनने का अधिकार है। हिंदू मुसलमानों से शादी करते हैं। मुसलमान हिंदुओ के साथ शादी करते हैं। अगर आप ऐसे मामलों की तह में जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि शादियां खुशी-खुशी होती हैं। जब बातें बिगड़ जाती हैं तब वो आरोप लगाना शुरू कर देते हैं कि लड़का मुसलमान था। मैं मुस्लिम लड़कों से गुजारिश करूंगा कि हिंदू लड़कियों को अपनी बहन मानें। नहीं तो सरकार उन्हें प्रताड़ित करेगी।'
उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि बीजेपी 'जब भी चुनाव आते हैं हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दूरी पैदा कर देती है।' पिछले मंगलवार को यूपी कैबिनेट ने कथित 'लव जिहाद' की घटनाओं को रोकने के लिए 'लव जिहाद' अध्यादेश को मंजूरी दी थी। नए कानून के मुताबिक अगर कोई शख्स शादी के लिए जबरन धर्मांतरण करवाने का दोषी पाया जाता है तो उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है। अगर यह जबरिया धर्मांतरण किसी नाबालिग लड़की का हुआ या अनुसूचित जाति/ जनजाति की महिलाओं का करावाय गया तो दोषी को और भी सख्त सजा के साथ मोटा जुर्माना भी भरना होगा।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दल भाजपा सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि योगी सरकार ऐसे समय में यह कानून ला रही है, जब प्रदेश बेरोजगारी और दूसरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। जबकि, कांग्रेस का आरोप है कि 'लव जिहाद' शब्द बीजेपी ने ही समाज को बांटने के लिए गढ़ा है।
गौरतलब है कि लव जिहाद के खिलाफ तमाम बीजेपी-शासित राज्य इसलिए सक्रिय हुए हैं क्योंकि, हरियाणा के बल्लभगढ़ में एक हिंदू लड़की को एक मुस्लिम युवक ने इसलिए गोली मारकर हत्या कर दी, क्योंकि उसने कथित तौर पर धर्म बदलकर शादी करने से इनकार कर दिया था। लड़की को सरेआम गोली मारने का वीडियो सीसीटीवी में कैद हुआ है और उसके आधार पर आरोपी पकड़े भी जा चुके हैं। अब इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चल रहा है।
यूपी सरकार ने मंगलवार को जो अध्यादेश पास किया है उसके मुताबिक 'गैरकानूनी धर्मांतरण' और 'लड़की का धर्म परिवर्तन कराने के इरादे से अंतर-धार्मिक विवाह' के मामले में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' के मुताबिक एक विवाह को 'शून्य' घोषित कर दिया जाएगा, यदि उसका 'एकमात्र इरादा' 'लड़की का धर्म बदलना' होगा। सरकारी बयान के मुताबिक 'जो लोग इस प्रस्तावित कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए धर्मांतरण कराएंगे, उन्हें 10 साल तक की जेल की सजा भुगतनी होगी।' यही नहीं, यदि पाया गया कि धर्मांतरण 'जबर्दस्ती, उत्पीड़ित करके या धोखे से' किया गया है तो अपराध गैर-जमानती होगा। इसके साथ ही इसमें एक यह भी प्रावधान है कि अगर दो व्यस्क अलग-अलग धर्म में विवाह करना चाहते हैं तो उन्हें जिलाधिकारी को इसकी पूर्व सूचना देनी होगी। इस तरह अध्यादेश का फोकस प्यार के नाम पर होने वाले गोरखधंधे को रोकना है।