आखिर 28 साल के तेजस्वी सूर्या को ही दक्षिणी बेंगलुरु के लिए क्यों चुना BJP ने?
बेंगलुरु। तेजस्वी सूर्या, जो कि इस वक्त कर्नाटक के दक्षिणी बेंगलुरु की सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं, इस वक्त मीडिया के हर प्लेटफार्म का चर्चित चेहरा हैं, 28 साल के तेजस्वी सूर्या का नाम जिस दिन से लोकसभा चुनाव के लिए फाइनल हुआ है, उसी दिन से तेजस्वी सूर्या खबरों में बने हुए हैं क्योंकि जिस सीट से वो चुनावी रण में उतरने जा रहे हैं वो भाजपा की परंपरागत सीट रही है और उस पर दिवंगत नेता अनंत कुमार 6 बार लगातार सांसद रहे हैं।
अनंत कुमार की पत्नी को नहीं मिला टिकट
उनके निधन से रिक्त हुई इस सीट पर सबको उम्मीद थी कि इस सीट पर उनकी पत्नी और समाजसेविका तेजस्विनी अनंत कुमार को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा, क्योंकि एक तो यह सीट उनके पति की थी और दूसरा वो खुद भी पार्टी और बेंगलुरु का जाना-पहचाना नाम हैं और सबसे बड़ी बात राज्य बीजेपी की ओर से उन्हीं का नाम हाईकमान को भेजा भी गया था चुनाव के उम्मीदवार के लिए लेकिन फैसला तेजस्वी सूर्या के नाम पर हुआ, जिस पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि तेजस्वी सू्र्या ही इस सीट के लिए परफेक्ट उम्मीदवार हैं, वो कुशल वक्ता हैं और यहां के लोगों में काफी लोकप्रिय हैं।
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आरएसएस का बहुत बड़ा हाथ....
हालांकि सिर्फ इतना कह देना काफी नहीं हैं, कुछ मीडिया सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी सूर्या को दक्षिणी बेंगलुरु की सीट से उम्मीदवार बनाने के पीछे आरएसएस का बहुत बड़ा हाथ है, खबरों में कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ही कहने पर भाजपा ने ये बड़ा कदम उठाया है, वैसे इस बात सच्चाई इसलिए भी दिखती है क्योंकि जैसे ही 25 मार्च को तेजस्वी सूर्या के नाम का ऐलान हुआ था, वैसे ही तेजस्वी सूर्या ने अलग-अलग दो ट्वीट किए थे।
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OMG... OMG... मुझे भरोसा नहीं हो रहा...
पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि 'OMG... OMG... मुझे भरोसा नहीं हो रहा... दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष ने 28 साल के युवा पर विश्वास जताया है। ऐसा सिर्फ मेरी पार्टी भाजपा में ही हो सकता है। सिर्फ नरेंद्र मोदी के नए भारत में हो सकता है।'
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सूर्या ने RSS को धन्यवाद दिया
जबकि दूसरे ट्वीट में उन्होंने आरएसएस को धन्यवाद दिया था, उन्होंने ट्वीट किया था कि मैं आरएसएस और उनके निस्वार्थ भाव से काम करने वाले नेताओं को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया। आपने मेरी गलतियों को माफ किया, मेरी शैतानी को सहन किया और हरसंभव तरीके से मेरी मदद की।
मूल रूप से कर्नाटक के चिकमंगलूर निवासी हैं सूर्या
वैसे आपको बता दें कि सूर्या की उम्र भले ही कम हो लेकिन वे राजनीति में नए नहीं हैं, वे छात्र नेता रह चुके हैं और पढ़ाई के दौरान भाजपा की छात्र विंग ABVP से जुड़े हुए थे, वो मूल रूप से कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के रहने वाले हैं और बासावानगुडी विधानसभा से विधायक एल.ए. रविसुब्रमण्यन के भतीजे हैं। वैसे सूर्या पेशे से वकील हैं और उन्होंने बेंगलुरु के इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज से कानून की पढ़ाई की है औऱ वे कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी करते हैं। इसके अलावा वे फिलहाल भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव हैं साथ ही पार्टी की नेशनल सोशल मीडिया टीम के भी सदस्य भी हैं।