प्रश्नकाल हटाए जाने को लेकर लोकसभा सचिवालय का बयान- सरकार हर दिन देगी 160 सवालों के जवाब
प्रश्नकाल हटाए जाने को लेकर लोकसभा सचिवालय का बयान-
नई दिल्ली। आगामी मानसून सत्र से प्रश्नकाल को हटाने को लेकर आज लोकसभा सचिवालय की ओर से बयान जारी किया गया है। सचिवालय की ओर से कहा गया है कि कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों की वजह से अस्थायी रूप से प्रश्नकाल को हटाया गया है। प्रश्नकाल हटाने को लेकर सरकार की सवालों की बचने की कोशिश को लेकर बयान में कहा गया है कि आगामी सत्र में सरकार हर दिन 160 अतारांकित प्रश्नों ( इन प्रश्नों पर अनुपूरक प्रश्न पूछने का अवसर नहीं मिलता) के जवाब देगी। ऐसे में सरकार एक हफ्ते में 1,120 सवालों के जवाब देगी।
अगले सत्र से प्रश्नकाल पहले की तरह ही होगा
बयान में कहा गया है कि सदन की गैलरियों में प्रश्नकाल में काफी ज्यादा संख्या में अधिकारी होते हैं, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मुश्किल हो जाता। एक दो दिन प्रश्नकाल का होना और 18 दिनों तक लगातार प्रश्नकाल चलाया जाना दो बिलकुल अलग बात हैं। बयान में ये भी साफ किया गया है कि यह बदलाव केवल मानसून सत्र के लिए है और शीतकालीन सत्र में प्रश्नकाल पहले की तरह ही होगा।
विपक्ष उठा रहा है प्रश्नकाल खत्म करने पर सवाल
पांच माह के अंतराल के बाद 14 सितंबर से संसद का सत्र शुरू हो रहा है। इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है। संसद के मानसून सत्र की अवधि इस साल कम कर दी गई है, जिसमें प्रश्नकाल नहीं होगा जबकि शून्य काल के समय में भी कटौती कर दी गई है। इसको लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि देश के सामने जो समस्याएं हैं, सरकार उन पर जवाब नहीं देना चाहती। कोई सवाल ही ना हो इसलिए प्रश्नकाल को ही खत्म कर दिया है। टीएमसी के सांसद डेरेक ओब्रायन ने प्रश्नकाल ना करने को कोरोना वायरस के नाम पर लोकतंत्र की हत्या बताया है। कई दूसरे दलों ने भी इसको लेकर सरकार की आलोचना की है।
क्या होता है प्रश्नकाल
लोकसभा की बैठक का पहला घंटा सवाल पूछने के लिए होता है, इसे प्रश्नकाल कहते हैं। प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा सदस्य प्रशासन और सरकार के कामकाज को लेकर सवाल कर सकते हैं। जिस मंत्रालय से संबधित सवाल होता है, उस मंत्री को जवाब देना होता है। प्रश्नकाल के दौरान के दौरान तीन तरह के सवाल होते हैं। तारांकित प्रश्न, जिसका सदस्य सदन में मौखिक उत्तर चाहता है। दूसरे होते हैं अतारांकित प्रश्न। अतारांकित प्रश्न पर पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सकते हैं। अतारांकित प्रश्नों के उत्तर लिखित रूप में दिए जाते हैं। तीसरा अल्प सूचना प्रश्न- तारांकित अथवा अतारांकित प्रश्नों का उत्तर पाने के लिए सदस्य को 10 दिन पूर्व सूचना देनी पड़ती है। अल्प सूचना प्रश्न इससे कम समय की सूचना पर भी पूछा जा सकता है।