Lok Sabha Results 2019: ये राज्य एनडीए की सत्ता में वापसी तय करेंगे
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए आज मतगणना हो रही है। देश में हर किसी को अगली सरकार के बारे में जानने के लिए उत्सुकता है। लेकिन देश के तीन राज्य ऐसे हैं, जो देश में अगली सरकार तय कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के नतीजे अगली सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने 71 सीटें जीती थी। इस बार उसका ग्राफ गिरने की उम्मीद है। कांग्रेस को उम्मीद थी इन राज्यों में गिरने का फायदा उसे होगा लेकिन एग्जिट पोल में मिल रहे संकेत इसके उलट निकले।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए चुनौती
साल 2014 में भगवा लहर के बाद बीजेपी को इस चुनाव में मजबूत गठबंधन से चुनौती मिल रही है। एसपी-बीएसपी-आरएलडी के सामजिक आधार को देखें तो यादव,मुस्लिम,जाटव और पश्चिमी यूपी में जाट कई सीटों पर बीजेपी को मात दे सकता है। हालांकि पार्टी ने पीएम मोदी की लोकप्रियता, अपर कास्ट वोटर,छोटी ओबीसी जातियों और दलितों के समूहों में अपने समर्थन आधार से महागठबंधन को टक्कर दे रही है। यूपी से 80 लोकसभा सीटें आती हैं।
बंगाल पर बीजेपी की नजर
यूपी और कुछ अन्य राज्यों में नुकसान का अनुमान देखते हुए बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अपना ध्यान फोकस किया। वो इन जगहों पर होने वाली नुकसान की भरपाई बंगाल से करना चाहती है। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं। बीजेपी यहां राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर खुद को स्थापित कर चुकी है। अधिकांश पर्यवेक्षकों का मानना है कि बीजेपी का वोट शेयर बंगाल में बढ़ेगा। सवाल यह है क्या इससे बीजेपो को सीटों का फायदा होगा।
ओडिशा में पटनायक हारेंगे!
ओडिशा में भी बीजेपी ने बीजेडी को पीछे छोड़ने के लिए आक्रामक अभियान छेड़ा है। साल 2014 में बीजेपी को यहां सिर्फ एक सीट मिली थी। ओडिशा में कुल 21 सीटें हैं। बीजेपी ने बंगाल और ओडिशा में मात्र तीन सीटें जीती थीं। इन दोनो राज्यों में कुल 63 सीटें आती है। आज आने वाले नतीजें तय करेंगे कि बीजेपी ने वोटरों के दिमाग में कितनी पैठ बनाई है।
इन राज्यों में CONG-BJP आमने सामने
इन राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है। साल 2014 में मोदी लहर और सत्ता विरोधी लहर में कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस को विश्वास है कि वह इन राज्यों में इस बार फायदे में रहेंगी, लेकिन एग्जिट पोल से संकेत मिलता है कि बीजेपी अभी भी आगे है। इन राज्यों में गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (जहाँ भाजपा और कांग्रेस दोनों के सहयोगी हैं), हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड (जहाँ कांग्रेस एक व्यापक विपक्षी मोर्चा का नेतृत्व करती है), और कर्नाटक (जहाँ कांग्रेस सत्ता में है) जनता दल-सेकुलर के साथ) हैं। इन 10 राज्यों में 200 के करीब सीटें हैं।
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