लोकसभा में UAPA बिल पास, शाह बोले- अर्बन नक्सलियों के लिए दिल में बिल्कुल भी दया नहीं
नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) संशोधन (यूएपीए) बिल पास हो गया। वोटिंग के बाद इस बिल को पास कर दिया गया। यूएपीए बिल के पक्ष में 287 वोट जबकि विपक्ष में सिर्फ 8 वोट पड़े। इस बिल पर लोकसभा का ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत कई विपक्षी सांसदों ने वोटिंग की मांग की। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर बिल पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया।
'अर्बन नक्सलियों के दया नहीं'
अमित शाह ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि इस देश में कई सारे लोग सामाजिक कार्य सम्मानपूर्वक कर रहे हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने के इच्छुक नहीं है। लेकिन अर्बन माओइज्म के लिए जो काम करते हैं उनके लिए हमारे दिल में बिल्कुल भी दया नहीं है। आप पूछते हैं आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून क्यों बना रहे हैं? मैं कहता हूं आतंकवाद के खिलाफ कठोर से कठोर कानून होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद बंदूक से पैदा नहीं होता। आतंकवाद उन्माद फैलाने वाले प्रचार से पैदा होता है।
|
आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया की जरूरत
अमित शाह ने लोकसभा में चर्चा के जवाब में कहा कि एक व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान की आवश्यकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र(यूएन) के पास इसके लिए एक प्रक्रिया है। अमेरिका के पास यह है, पाकिस्तान के पास है, चीन के पास है, इजराइल है यह यूरोपीय संघ के पास है, सभी ने ये किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी आतंकी गतिविधि करेगा तो उसके कम्प्यूटर में पुलिस जरूर घुसेगी और घुसना भी चाहिए।
कांग्रेस ने किया वॉकआउट
कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिल को जरूरी बताते हुए इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर आप ऐसे बिल पास करेंगे तो हम इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अहम विधेयकों की भी निगरानी नहीं चाहती है। जबकि पोटा के दुरुपयोग के खिलाफ आडवाणी जी आवाज उठा चुके हैं। कांग्रेस की मांग ना माने जाने पर कांग्रेस सांसदों ने बिल के खिलाफ सदन से वॉक आउट किया।
ये भी पढ़ें- गृह मंत्रालय ने कमलनाथ, इसरो प्रमुख के सिवन समेत कई लोगों की सुरक्षा में किए बदलाव