विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हुए दोनों कृषि विधेयक
नई दिल्ली। गुरुवार को रात करीब 9.45 बजे तक चली लोकसभा की कार्यवाही में आखिरकार दोनों कृषि विधेयक 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020' और 'कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020' पारित हो गए। विपक्षी दलों ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए इन्हें किसानों के लिए बेहद नुकसानदायक करार दिया था। विधेयक पारित होने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही को कल दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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हालांकि,
सरकार
को
नुकसान
भी
उठाना
पड़ा
है।
शिरोमणि
अकाली
दल
के
कोटे
से
मंत्री
हरसिमरत
कौर
बादल
ने
कैबिनेट
से
इस्तीफा
दे
दिया
है।
वह
केंद्रीय
खाद्य
एवं
प्रसंस्करण
उद्योग
मंत्री
थीं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा बजटीय आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि साल 2009-10 में यूपीए सरकार के दौरान कृषि मंत्रालय का बजट 1200 करोड़ रुपये था और अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इसे बढ़ा कर 1,34,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
बिल के फायदे गिनाते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये विधेयक खेती को मुनाफे में लाने वाले, किसानों को आजादी दिलाने वाले हैं। इस विधेयक से किसानों को अपनी उपज किसी भी स्थान से किसी भी व्यक्ति को बेचने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे निजी निवेश गांव तक पहुंचेगा और रोजगार बढ़ेगा। किसान अच्छी फसलों की तरफ आकृषित होगा। कृषि निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
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